देश के किसानों पर 16.8 लाख करोड़ का कर्ज
केंद्र ने संसद में कहा, लोन माफी को लेकर फिलहाल सरकार की कोई योजना नहीं
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रही है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरे तन-मन से काम कर रही है। हालांकि, किसानों की बात हो और उनके कर्जमाफी का मुद्द न उठे ऐसा कम ही होता है। अब यह मुद्दा संसद में उठा और सरकार से सवाल पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार किसानों के कर्ज को माफ करने की योजना बना रही है? इस पर लिखित में जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री भागवत किशनराव कराड ने संसद को बताया कि किसानों की कर्जमाफी को लेकर फिलहाल सरकार की कोई भी योजना नहीं है।
नबार्ड के आंकड़ों के मुताबिक देश के किसानों पर इस समय 16.8 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। साथ ही सरकार ने संसद में किसानों के कर्ज से जुड़ा पूरा डाटा भी पेश किया, जिसमें सभी राज्यों के किसानों पर कर्ज का लेखा-जोखा मौजूद है। इस दस्तावेज के मुताबिक सबसे ज्यादा कर्ज में डूबे किसान वाले राज्यों में तमिलनाडु सबसे ऊपर है। तमिलनाडु के किसानों पर 1.89 लाख करोड़ का कर्ज है। हाल ही में पंजाब ने किसानों के 590 करोड़ के कर्ज को माफ करने का ऐलान किया है।
हिमाचल के 5,55,106 अन्नदाता कर्जदार
नबार्ड के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के 5,55,106 किसान कर्जदर हैं और उन पर 9605.39 करोड़ रुपए का कर्ज है। वहीं पंजाब के 21,49,292 किसानों पर 71305.57 करोड़ रुपए का लोन है। हरियाणा के 44,95,805 किसानों पर 78311.43 करोड़ रुपए और चंडीगढ़ के 78,642 किसानों पर 2449.50 करोड़ रुपए का कर्ज है।
लोन के बोझ तले दबे टॉप पांच राज्य
सबसे ज्यादा कर्ज (करोड़ों में)
तमिलनाडु- 189623.56
आंध्र प्रदेश- 169322.96
उत्तर प्रदेश- 155743.87
महाराष्ट्र- 153658.32
कर्नाटक- 143365.63
सबसे ज्यादा कर्जदार
तमिलनाडु- 1,64,45,864
उत्तर प्रदेश- 1,43,53,475
आंध्र प्रदेश- 1,20,08,351
कर्नाटक- 1,08,99,165
महाराष्ट्र- 1,04,93,252
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