आपदा की घड़ी में खेवनहार बनकर सामने आई लाहुल-स्पीति पुलिस
अशोक राणा-केलांग
विषम भौगोलिक पृष्टभूमि के बावजूद लाहुल-स्पीति पुलिस आपदा की घड़ी में अपना सर्वोच्च देने में अग्रणी साबित हुआ है। बर्फबारी के बीच हिमस्खलन तो कभी बाढ़ की त्रासदी में लाहुल-स्पीति पुलिस सैकड़ों लोगों के लिए खेबनहार बन कर सामने आई है। 2022 के दौरान जिले में बाढ़, बर्फबारी, भू-स्खलन और सडक़ दुर्घटनाओं जैसे आपदा के दौरान पुलिस ने 963 लोगों की जान बचाई है। 2022 में लाहुल-स्पीति में आपदाओं की घटनाओं में वृद्धि के साथ-साथ अटल टनल होकर रिकार्ड संख्या में यातायात का आवागमन हुआ है। जिले में हिमस्खलन, बर्फबारी, भू-स्खलन और अचानक बाढ़ की विभिन्न घटनाओं में जिला प्रशासन की मदद से पुलिस ने 963 फंसे हुए लोगों को बचाया।
बाढ़ के कारण राज्य राजमार्ग 26 और राष्ट्रीय राजमार्ग 505 के ग्राम्फू. काजा रूट पर सैकड़ों सैलानी फंस गए थे। एसपी लाहुल-स्पीति मानव वर्मा ने बताया कि स्थानीय लोगों, पंचायत प्रतिनिधि के अलावा पिकअप यूनियन का समर्थन बचाव कार्य में महत्त्वपूर्ण साबित हुआ। सोशल मीडिया के जरिए पुलिस लगातार मौसम और यातायात संबंधी जानकारी से सैलानियों के साथ आम जनता को सतर्क कर रही है। एसपी का कहना है कि बचाव अभियान आमतौर पर पुलिस कर्मियों द्वारा खतरनाक और कठोर परिस्थितियों में चलाया जाता है। साथ ही बचाव कार्यों के लिए गहन शारीरिक प्रयासों की आवश्यकता होती है और कुछ बचाव प्रयासों में तो लगभग 12 घंटे लग जाते हैं। उन्होंने बताया कि 27 जुलाई 2021 को तोजिंग नाला में दुर्घटना हुई थी, जिसमें 10 लोगों की मृत्यु हुई थी। सीख लेते हुए संवेदनशील क्षेत्रों में यातायात को प्रवेश करने से रोकने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए गए थे। इसके अलावा स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और नागरिकों ने भी इस दौरान सक्रिय भूमिका निभाई। (एचडीएम)
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