भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक पिछले खत्म हुए साल के आखिरी माह में जब आशीष चौधरी दो महीने के यूरोपीय दौरे के बाद वापस एक सप्ताह के लिए घर छुट्टी आया तो खेल मंत्री राकेश पठानिया से मिला और अपनी ट्रेनिंग व ओलंपिक तक की भावी प्रतियोगिताओं के बारे में चर्चा की थी। खेल मंत्री
भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक इस सबके लिए विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों की सामान्य फिटनेस का मूल्यांकन कर उसमें सुधार के लिए सुझाव देकर सुधार करवाने के लिए ‘फिटनेस मूल्यांकन व सुझाव कार्यक्रम’ की शुरुआत जल्द ही करनी चाहिए। इस कार्यक्रम के अतंर्गत विद्यालय के हर विद्यार्थी का साल में तीन बार विभिन्न शारीरिक क्षमताओं
भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक पूरे संसार में खिलाडि़यों के लिए महाविद्यालय स्तर पर उच्च स्तरीय खेल सुविधाएं उपलब्ध हैं क्योंकि यही उम्र होती है जहां से खिलाड़ी को स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की जरूरत होती है। महाविद्यालय प्रशासन को चाहिए कि वह अपने स्तर पर भी खेल आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करे। हिमाचल प्रदेश
भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक क्या हिमाचल सरकार पंजाब, गुजरात आदि राज्य की तरह उत्कृष्ट खेल परिणाम दिलाने वाले प्रशिक्षकों को यहां लगातार कई वर्षों के लिए अनुबंधित कर प्रदेश के खिलाडि़यों को राज्य में ही प्रशिक्षण सुविधा दिला कर खेल प्रतिभा का पलायन रोक नहीं सकती है। इससे प्रदेश में खेल वातावरण बनेगा, साथ
भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश में बहुत कम प्रशिक्षण केंद्र हैं। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी बनने के लिए स्कूल व कालेज समय में खिलाड़ी को अच्छी खेल सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। पूरे संसार में जहां के खिलाड़ी श्रेष्ठ हैं, वहां पर स्कूल व कालेज स्तर पर बहुत ही उत्तम खेल सुविधाएं मुहैया
भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक 2015 से आशीष लगातार राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान पटियाला में चल रहे राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में गहन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है। 2017 में हिमाचल प्रदेश सरकार ने आशीष को खेल आरक्षण के अंतर्गत मंडी जिला की धर्मपुर तहसील के कल्याण अधिकारी की नौकरी दी है। आशीष के पिता जी का
भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक आज कौन देश कितना हर क्षेत्र में आगे है, इस बात का पता ओलंपिक की पदक तालिका से चलता है जहां विकसित देश ही ऊपर होते हैं। विकसित देशों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी व चिकित्सा के साथ-साथ खेल क्षेत्र में काफी प्रगति की है। मानव की वृद्धि व विकास जानने के
भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक ऊना व मंडी में तरणताल बने हैं, मगर वहां पर भी कोई प्रशिक्षण कार्यक्रम आज तक शुरू नहीं हो पाया है। हिमाचल प्रदेश में तैराक ही नहीं हैं। यहां पर भी प्रशिक्षण न होकर गर्मियों में मस्ती जरूर हो जाती है। ऊना में हाकी के लिए एस्ट्रोटर्फ बिछी हुई है,
भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश के महाविद्यालय के प्राचार्यों व शारीरिक शिक्षा के प्राध्यापकों को चाहिए कि वे खेल सुविधा व प्रतिभा के अनुसार अपने महाविद्यालय में अच्छे प्रशिक्षकों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएं ताकि हिमाचल के खिलाडि़यों को महाविद्यालय में उच्च स्तरीय प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध हो सके। आज हिमाचल प्रदेश के कई
भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर कुछ एक खेलों को छोड़ कर अधिकांश बार पिछड़ा ही रहा है। हिमाचल हो या देश का कोई अन्य राज्य, उत्कृष्ट प्रदर्शन करवाने के लिए केवल प्रशिक्षक ही मुख्य किरदार दिखाई देता है। यही कारण है कि भारत का खेल मंत्रालय व कई राज्य भी