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25 फरवरी रविवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, प्रथमा २6 फरवरी सोमवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, द्वितीया, शबबरात 27 फरवरी मंगलवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, तृतीया 28 फरवरी बुधवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी 29 फरवरी गुरुवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, पंचमी 1 मार्च शुक्रवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, षष्ठी 2 मार्च शनिवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, षष्ठी

स्वामी रामस्वरूप श्लोक 11/22 में अर्जुन श्रीकृष्ण महाराज को कह रहे हैं कि हे योगेश्वर श्रीकृष्ण ग्यारह रुद्र, बारह आदित्य, आठ वसु, साधयगण, विश्वेदेव अर्थात सब विद्वान अश्विनों, सूर्य, चंद्रमा, मरुतगण अर्थात वायु सब पितर लोग और गंधर्व, यक्ष, सिद्ध पुरुष के समूह सब ही आश्चर्यचकित हुए आपको देख रहे हैं… गतांक से आगे… कितने

मां ललिता दस महाविद्याओं में से एक हैं। ललिता जयंती का व्रत भक्तजनों के लिए बहुत ही फलदायक होता है। श्री ललिता जयंती इस बार 24 फरवरी को मनाई जा रही है। भक्तों में मान्यता है कि यदि कोई इस दिन मां ललिता देवी की...

स्वामी रामस्वरूप श्लोक 11/22 में अर्जुन श्रीकृष्ण महाराज को कह रहे हैं कि हे योगेश्वर श्रीकृष्ण ग्यारह रुद्र, बारह आदित्य, आठ वसु, साधयगण, विश्वेदेव अर्थात सब विद्वान अश्विनों, सूर्य, चंद्रमा, मरुतगण अर्थात वायु सब पितर लोग और गंधर्व, यक्ष, सिद्ध पुरुष के समूह सब ही आश्चर्यचकित हुए आपको देख रहे हैं… गतांक से आगे… कितने

सद्गुरु जग्गी वासुदेव जब प्रसन्नता भीतर होती है तो उसे शांति, आनंद या खुशी कहते हैं। जब आपके चारों ओर का माहौल सुखद बन जाता है तो उसे सफलता का नाम दिया जाता है। अगर आपकी इनमें से किसी में भी रुचि नहीं है और आप स्वर्ग जाना चाहते हैं, तो आप क्या खोज रहे

गतांक से आगे… उन्होंने दीवान जी का पत्र पढ़ा। फिर वह दीवान जी के घर पर ही स्वामी जी से मिले। महाराज ने स्वामी जी को आदरपूर्वक प्रणाम किया, फिर आसन ग्रहण किया। कुछ देर तक बातचीत के बाद महाराज ने पूछा, स्वामी जी मैंने सुना है कि आप बड़े विद्वान व्यक्ति हैं। अगर आप

हार्मोन असंतुलन के कारण हम कई रोगों की गिरफ्त में आ जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम हार्मोन लेवल को संतुलित बनाए रखें। आपको यह बता दें कि हार्मोन का संतुलन हमारी लाइफ को हेल्दी रखने में बेहद जरूरी है। लेकिन आज बदलती लाइफस्टाइल और खान-पान के कारण हम हार्मोन असंतुलन के शिकार

जे.पी. शर्मा, मनोवैज्ञानिक नीलकंठ, मेन बाजार ऊना मो. 9816168952 लेखक का सदा प्रयत्न रहा है कि सभी विधाओं व क्षेत्रों से संबंधित विषयों पर विचार प्रस्तुत किए जाएं। यदि समीक्षात्मक अध्ययन करें तो पूर्व सामाजिक कालखंडों की तुलना में निस्संदेह आज के समाज की मानसिकता बीमार हो गई है। बेशक विज्ञान व तकनीकी क्षेत्र में

* भरोसा सब पर कीजिए, लेकिन सावधानी से, क्योंकि कभी-कभी खुद के दांत भी जीभ को काट लेते हैं * दुनिया की हर परेशानी आपकी हिम्मत के आगे घुटने टेक देती है * कष्ट और विपत्ति मनुष्य को सबक देने वाले श्रेष्ठ गुण हैं। जो साहस के साथ उनका सामना करते हैं, वे विजयी होते