कम्पीटीशन रिव्यू

‘लव पर स्क्वायर फुट के बाद अलंकृता अब अर्जुन कपूर और परिणीती चोपड़ा के साथ अत्यंत सुंदर और सौम्य अलंकृता सहाय विपुल शाह की आगामी फिल्म ‘नमस्ते इंग्लैंड’ में चमकने के लिए तैयार है। इस फिल्म में वे अर्जुन कपूर और परिणीती चोपड़ा के साथ दिखेंगी। आज फिल्म ट्रेलर लॉन्च होने के साथ ही इस

1. ऐसा एक सितारा हूं मैं जिसमें पूंछ उपस्थित, रखूं सूर्य से दूरी हरदम मैं तो बच्चो समुचित। 2. मेरे कारण इंद्रधनुष में पड़ते रंग दिखाई, जल्दी मेरा नाम बतओ दूर भागे कठिनाई। 3. दर्पण में निज मुखड़ा देखो बच्चो तुम रोजाना, किस घटना से यह संभव हो नाम जरा बतलाना। 4. बुरा सदैव तनाव

संसद तथा राज्य विधानमंडल ये परिवर्तन संविधान में संशोधनों की तरह न होकर ऐसे संशोधन हैं, जो राष्ट्रपति की सिफारिश पर संसद द्वारा साधारण बहुमत से विधेयक पास करके किए जा सकते हैं। ऐसे विधेयकों पर संबंधित राज्यों के विधानमंडलों के इस प्रयोजनार्थ निर्धारित अवधि में विचार जानने के लिए उनके पास भेजना अपेक्षित है।

लोग क्या करेंगे सूरज के बिना। जब उन्होंने सूरज चुराने का निर्णय कर ही लिया तब उन्होंने एक आसमान तक पहुंचने वाली लंबी, बहुत लंबी सीढ़ी बनाई और एक लंबा, बहुत लंबा भाला बनाया। सीढ़ी पर चढ़ वे आसमान पर पहुंचे और भाले को जोर से फेंक कर सूरज के अंदर धंसा दिया… कहानी बहुत

क्या आर्किटेक्ट बनने के लिए बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर का ही कोर्स करना जरूरी है? -राधिका, मंडी बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर के अलावा विभिन्न पोलीटेक्नीक संस्थानों से तीन साल का डिप्लोमा इन आर्किटेक्चर कोर्स करने के बाद भी इस क्षेत्र में करियर बनाने के बारे में सोचा जा सकता है। होम साइंस में डिग्री करने के बाद

हेमा मालिनी 16  अक्तूबर मशहूर अदाकारा हेमा मालिनी बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री रही हैं। जो हर क्षेत्र में प्रसिद्ध रही हैं, चाहे वह एक्टर, डांसर, निर्माता, निर्देशक हो या एक राजनेता। तमिल फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाली हेमा मालिनी को ड्रीम गर्ल कहा जाता है। हेमा जी ने 150 से अधिक फिल्मों

अनोखा पेड़ यह पेड़ सचमुच विलक्षण है। यदि आप दक्षिण-पूर्व एशिया की सैर पर जा रहे हैं तो यह निश्चित ही देखने योग्य जगह है। यह पेड़ मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है। सिल्क कॉटन ट्री की जड़ें प्राचीन मंदिर के चारों ओर लिपटी हुई हैं तथा पेड़ काफी ऊंचाई तक गया है। यह मंदिर

जहां बच्चे हों, वहां शोर-शराबा और हंगामा न हो ऐसा हो नहीं सकता। बच्चों का नाम सुनते ही हर महिला की आंखों में  तनाव और साथ ही उनके चेहरे से गुस्सा नजर आने लगता है और गर्मियों की छुट्टियों में तो बच्चे वैसे ही इतने फ्री होते हैं कि स्कूल के होमवर्क के अलावा उनके