कम्पीटीशन रिव्यू

जिंदगी में हर कोई सफल पैदा नहीं होता और हर किसी को अपनी जिंदगी खुद से बनानी होती है और जब हम अपने लिए ऐसा करते हैं तो बहुत संभावना है कि हम गलतियां भी करते हैं, लेकिन ऐसे में अपनी गलतियों से सबक लेना चाहिए… दुनिया में दो ही तरह के लोग है एक

अपनी भूमि के लिए, अपने अधिकारों के लिए उन्होंने सदा अपने प्रतिद्वंद्वियों से युद्ध किया। शंबर- दिवोदास युद्ध जो 40 वर्षों तक चलता रहा इसका प्रमाण है, जिसमें दोनों ओर से सब कुछ स्वाह करने की होड़ लगी हुई थी। नाग जाति कितनी प्रबल थी, यह इस बात से स्पष्ट हो जाता है… स्त्रियों का नाग समाज में

जूनियर इंजीनियर/असिस्टेंट-3 नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड पदों का विवरण – जूनियर इंजीनियर, असिस्टेंट-3. कुल पद – 129. शैक्षणिक योग्यता – पदों के अनुसार अलग-अलग निर्धारित। आयु  सीमा – न्यूनतम 18 वर्ष, अधिकतम 30 वर्ष। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि – 17 जून, 2018. आवेदन शुल्क –  सामान्य और ओबीसी वर्ग के लिए 235 रुपए तथा अनुसूचित

11 मई, 1921 को गांधी जी शिमला पधारे। उनके साथ मौलाना मुहम्मद अली, शौकत अली, लाला लाजपतराय, मदन मोहन मालवीय, लाला दुनी चंद अम्बालवी आदि नेता भी आए। 13 मई को गांधी जी वायसराय लार्ड रीडिंग से मिले। दूसरे दिन गांधी जी ने लोअर बाजार शिमला के आर्य समाज के हाल में महिलाओं को संबोधित

क्रिमिनोलॉजी और फोरेंसिक साइंस में रोजगार की क्या संभावनाएं हैं?   — संजीव कुमार, डलहौजी फोरेंसिक साइंस की सभी शाखाओं में विशेषज्ञों की मांग रहती है। फोरेंसिक लैब में विशेषज्ञों की भर्ती संघ लोक सेवा आयोग द्वारा की जाती है। इसके अलावा सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों में भी उजली संभावनाएं हैं। फोरेंसिक मेडिसिन के विशेषज्ञों

1975 ई. में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा उनको ताम्र पत्र से सम्मानित किया गया। उन्होंने ‘काका शिक्षा न्यास’ की स्थापना की। 11 जनवरी, 2010 ई. को लंबी बीमारी के बाद 1०3 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ… अनंत राम अनंत राम 10 अप्रैल, 1907 ई. की दौलतपुर चौक जिला ऊना में पैदा

राजा खड़क चंद ग्यारह वर्ष की आयु में गद्दी पर बैठा। इस राजा का राज्य काल कहलूर- बिलासपुर के इतिहास में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण तथा काला अध्याय समझा जाता है। राजा निकम्मा व्यक्ति था और सदा बुरे आदमियों की संगत में रहता था। उसे शराब की भी लत थी और वह महलों में मस्त रहता था…

परवाणु, बद्दी- बरोटीवाला- नालागढ़ आदि मुख्य औद्योेगिक शहर हैं। मैदानों के साथ लगती इस घाटी में स्थापित इन औद्योेगिक शहरों ने इस जनपद को हिमाचल में महत्त्वपूर्ण स्थान दिलवाया है। इस घाटी की शुरुआत डगशाई से होती है, जो कुम्हारहट्टी के समीप एक पहाड़ी शिखर पर स्थित है… गतांक से आगे… क्यारदा दून घाटी वास्तविक