आस्था

इस ओउम को प्रणव भी कहते हैं। अव धातु रक्षण, गति, कांति, तृप्ति, अवगम, प्रीति, प्रवेश, श्रवण, स्वाम्यर्थ, याचन, इच्छा क्रिया, दीप्ति, वाप्ति, आलिंगन, हिंसा, दान, भोग, वृद्धि इत्यादि 19 अर्थों में है… -गतांक से आगे... क्षारंति सर्वा चैव यो जुहोति यजति क्रियाः। अक्षज्ञरमक्षयं ज्ञेयं ब्रह्म चैव प्रजापतिः। ‘बिना ओउम के समस्त यज्ञ, जप आदि निष्फल

श्रीराम शर्मा किसी भी व्यक्ति का सांस्कृतिक महत्त्व इस बात पर निर्भर है कि उसने अपने अहंकार से अपने को कितना बंधन मुक्त कर लिया है। वह व्यक्ति भी संस्कृत है, जो अपनी आत्मा को मांज कर दूसरे के उपकार के लिए उसे नम्र और विनीत बनाता है। जितना व्यक्ति मन, कर्म, वचन से दूसरों

स्वामी रामस्वरूप यजुर्वेद मंत्र 23/60 में कहा कि निमित्त कारण सर्वशक्तिमान परमेश्वर है और उपादान कारण जड़ प्रकृति है। इसलिए परमात्मा ने जगत का निमित्त उपादान कारण कहा है अर्थात परमात्मा सृष्टि की रचना नहीं करता और परमात्मा से सृष्टि उत्पन्न नहीं होती है… जितना भी विश्व में ज्ञान आया है वह ईश्वर की वेदवाणी 

श्री विलियम्स ने भूत संबंधी जिन तथ्यों का पता लगाया, उनमें से कई जानकारी की दृष्टि से बड़े उपयोगी हो सकते हैं। भूत किसी का अहित नहीं कर सकता, यदि कर सकता है तो वह कोमल और भीरू मस्तिष्क वालों को ही डरा सकता है या शरीर पर किसी तरह का नियंत्रण कर सकता है…

प्राणियों का संपूर्ण शरीर रंगीन है। शरीर के समस्त अवयवों का रंग अलग-अलग है। शरीर की समस्त कोशिकाएं भी रंगीन हैं। शरीर का कोई अंग रुग्ण (बीमार) होता है, तो उसके रासायनिक द्रव्यों के साथ-साथ रंगों का भी असंतुलन हो जाता है। रंग चिकित्सा उन रंगों को संतुलित कर देती है, जिसके कारण रोग का

महेश योगी चेतना की पूर्ण सामर्थ्य शुद्ध चेतना विज्ञान, भावातीत चेतना को जाग्रत करने से समस्त कार्यों में प्राकृतिक विधानों की अनंत संगठनात्मक शक्ति का सहयोग सहजरूपेण एवं स्वाभाविक रूप से प्राप्त होता है… महर्षि महेश योगी प्रणीत भावातीत ध्यान का नियमित अभ्यास व्यक्ति और समाज की अनेकानेक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करता है। भावातीत

जुल्फा माता मंदिर पंजाब में रूपनगर के नंगल शहर में स्थित है। यह हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है, क्योंकि यह 51 शक्ति पीठों में से एक है। कहा जाता है कि इसका निर्माण प्राचीन समय में ऋषि-मुनियों ने करवाया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक बार सपने में माता के परम

जेन कहानियां बौद्ध दार्शनिक विचारधारा का एक विद्यार्थी जेन का परिचय प्राप्त करने जेन गुरु गासन के आश्रम में आ कर रहा। कुछ वर्ष रहकर जब वह लौटने लगा, तो गासन ने उसे सावधान करते हुए कहा, ‘सत्य का दार्शनिक अध्ययन ज्ञान सामग्री इकट्ठा करने का एक उपयोगी काम है। याद रखना अगर तुमने नियमित

आजकल की जीवनशैली रोगों का घर बन गई है। एक्सरसाइज की कमी, घंटों बैठकर काम करना, नींद पूरी नहीं होने के कारण तनाव बढ़ता जाता है। ये आदतें हमारे खान-पान को भी प्रभावित करती हैं। अगर हम अपनी जीवनशैली को थोड़ा सा अनुशासन में लाएं और रोजाना के खान-पान को सुधार लें, तो ये कई