संपादकीय

विश्वविख्यात हीरा कारोबारी नीरव मोदी, मामा मेहुल चोकसी ने पंजाब नेशनल बैंक के जरिए 11,400 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। मुद्दा यहीं तक सीमित नहीं है। यह अभी तक का भारतीय बैंकिंग का सबसे बड़ा घोटाला है। घोटाले की शुरुआत 2010 में यूपीए सरकार के दौरान हुई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक आरटीआई

हिमाचल में राजनीति अपनी जगह बटोरने के लिए विकास के मायने समझती है, इसलिए सत्ता के प्रयास हमेशा उल्लेखनीय रहे हैं। एक दौर वह भी था जब विकास के मायने राज्य की भौगोलिक शक्ल को नए आयाम तक ले गए और पंजाब के पर्वतीय क्षेत्र इसमें समाहित हो गए। स्व.वाईएस परमार के साथ विकास-विस्तार का

हिमाचल में नई सरकार बनते ही अगर घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र की तीन शिलान्यास पट्टिकाएं टूट जाएं, तो इसमें हार-जीत का फैसला कौन करेगा। यूं तो पत्थर वहां भी लग जाते हैं, जहां मिट्टी नहीं होती तथा दरिया वहां तक पहुंच जाते हैं, जहां किनारा नहीं होता। पूर्व विधायक राजेश धर्माणी के नाम खुदे शिलान्यास अगर

अयोध्या के राम मंदिर के संदर्भ में अमरनाथ मिश्रा कौन हैं? क्या वह प्रधानमंत्री मोदी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के परिचित हैं और उनसे मिलते-बात करते रहते हैं? राम मंदिर पर कथित सौदेबाजी के लिए उन्हें किसने अधिकृत किया था? अमरनाथ ने मौलाना सलमान नदवी पर 5000 करोड़

सरहद ही खींचनी हो, तो हर लम्हा एक युद्ध है, लेकिन हर जीत का मतलब युद्ध नहीं है। ऐसे में हिमाचल का राजनीतिक मंचन अगर पर्दा गिराने की कहानी है, तो केवल भूमिका ही बदलेगी। न तो पैंतालीस दिनों में सरकार बूढ़ी हो गई है और न ही विपक्ष का खुलासा इतना जवान हो गया

प्रधानमंत्री मोदी वर्षों तक आरएसएस के प्रचारक रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी संघ के प्रचारक थे। पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी लंबे समय तक प्रचारक रहकर फिर सक्रिय राजनीति में आए। पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी और शांता कुमार सरीखे कई दिग्गज भाजपा नेता संघ की ही देन हैं।

एक ओर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन का कहना है कि कश्मीर में आतंकवाद के मद्देनजर पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का मानना है कि कश्मीर में खून-खराबा खत्म करना है, तो पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए। दोनों संवैधानिक हस्तियों के सरपरस्त हैं प्रधानमंत्री मोदी। रक्षा मंत्री उन्हीं

हर बार हिमाचल की राहों पर वार्षिक योजना का सफर कुछ मील चलने का वादा करता है और फिर हम किस्मत के संदूक से कुछ समारोह छीन लेते हैं। इस बार भी 6300 करोड़ के बंटवारे में माहौल की चवन्नियां-अठन्नियां नाचेंगी और फिर विधायक अपनी प्राथमिकताओं तक पहुंच कर भी सत्ता और विपक्ष में बंट

दुनिया के सामने देवभूमि का अवतार बने हिमाचल की अपनी पहचान जो भी हो, लेकिन क्या हमारी मंदिर संस्कृति, परंपराएं, त्योहार और मेले इस काबिल बने कि राष्ट्र इन्हें पलकों पर बैठाए। मंगलवार के दिन शिवरात्रि का जिक्र सारे देश के ज्योतिर्लिंगों की शक्ति में समाहित हुआ, लेकिन हिमाचल का वर्णन कहीं दिखाई नहीं दिया।