हिमाचल फोरम

एक तरफ  सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बातें करती है, वहीं दूसरी तरफ  विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर के ज्यादातर हास्पिटल लोगों का इलाज करने के बजाय डाक्टरों की कमी के कारण खुद ही बीमार दिख रहे हैं। पूरे विधानसभा क्षेत्र में एक सिविल अस्पताल, एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और नौ प्राथमिक स्वास्थ्य

प्रदेश सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं देने का प्रावधान कर रखा है और बार-बार दावा भी किया जा रहा है कि महिलाओं के लिए सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएं चला रखी हैं, लेकिन धरातल पर सरकार की योजनाओं का महिलाओं को लाभ नहीं मिल रहा है। यहां पर बात की जा

एसीसी सीमेंट फैक्टरी के माइनिंग जोन से सटे गांव कुन्नू और ब्लोह धौंन कोठी में भारी ब्लास्टिंग से दहला गए हैं। गांव के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। इससे इन गांवों के मकान थरथरा उठे हैं। बीते दिनों से लगातार बहुत बड़े धमाके हो रहे हैं। इसे लोगों को घर से बाहर

जिला मुख्यालय कुल्लू के फुटपाथों पर चलने से लोग कतरा रहे हैं। निजी तथा सरकारी वाहन चालक रौब आजमाकर फुटपाथ पर वाहन पार्क कर रहे हैं। जब  आम राहगीर वाहन चालकों को फुटपाथ से वाहन हटाने के लिए कहते हैं तो उन्हें खरी-खोटी सुनती पड़ती है। यहां हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय के

‘‘उम्मीदों की नींव पर ही सही, इक पुल चाहिए। गांव-शहर से जुड़ें, डग भरने का हमें भी हक चाहिए।’’मगर विडंबना यही रही कि लगातार उम्मीदों के कई पुल ढह गए और कई सोचे भी न जा सके। भौगोलिक परिस्थितियां सियासत के दृष्टिकोण पर इतनी भारी पड़ेंगी यही सोच कर भाषणबाजों पर तरस आता है। जब

नगर परिषद सुंदरनगर शहरी क्षेत्र में सड़कों की सुध लेना ही भूल गई है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी सड़कों की टायरिंग तक नहीं की गई है। मसलन शहर की सड़कों पर गड्ढ़े बने हुए हैं। जहग-जगह पर लोगों को ठोकरें खाकर अपने-अपने गंत्वय की ओर पहुंचने को मजबूर हैं। सुंदरनगर के सबसे 

हमीरपुर  – क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर अस्पताल न रहकर ट्रांसफर का गढ़ बन गया है। हाल ही में यहां से एक चाइल्ड स्पेशलिस्ट व गायनोकोलॉजिस्ट का तबादला हो चुका है। इसके अलावा दोनों मेडिकल स्पेशलिस्ट, दोनों सर्जन व ईएनटी चिकित्सक भी यहां से जा चुके हैं। क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर से पिछले छह महीनों में चार चिकित्सकों

ऊना- देश भर में दिव्यांगों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में भी दिव्यांगों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए रामपुर गांव में करीब 48 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से प्रदेश के पहला मॉडर्न दिव्यांग व्यावसायिक पुनर्वास केंद्र (वीआरसी फॉर हैंडीकैप्ट )स्थापित

‘‘उम्मीदों की नींव पर ही सही, इक पुल चाहिए। गांव-शहर से जुड़ें, डग भरने का हमें भी हक चाहिए।’’मगर विडंबना यही रही कि लगातार उम्मीदों के कई पुल ढह गए और कई सोचे भी न जा सके। भौगोलिक परिस्थितियां सियासत के दृष्टिकोण पर इतनी भारी पड़ेंगी यही सोच कर भाषणबाजों पर तरस आता है। जब