आध्यात्मिकता और राजनीति दोनों का ही मानवता व मानव के साथ गहरा संबंध है। राजनीति का उद्देश्य सुशासन लाना और भौतिक व भावानात्मक सुविधाओं को जनता तक पहुंचाना है। वहीं आध्यात्मिकता का लक्ष्य नैतिकता व मानवीय मूल्यों को बढ़ाना है। किसी भी देश की समृद्धि व विकास के लिए राजनीति व आध्यात्मिकता का एक साथ चलना अति आवश्यक है। सुशासन व अच्छे प्रजातंत्र के लिए आध्यात्मिकता का होना

तू ही निरंकार और दोनों हाथ जुड़ गए और अरदास करने लगे, हे निरंकार, परमपिता परमात्मा इस बच्चे को बख्श देना। इसकी बात को न सुनना, इसको तरक्की देना। इन्हें चीफ जनरल मैनेजर बना दो। अरदास करते-करते सारी संगत को सुमरिन करवाने लगे। संगत समाप्त हो गई। तीन महीने बीते तो उस बैंक मैनेजर की तरक्की हो गई और वो चीफ जनरल मैनेजर बन गया। कई बैंकों का मैनेजर बन गया। कहने का भाव है कि सेवा और संतों की अरदास में ताकत होती है। सेवा से जीवन में सुख व आनंद मिलता है। किसी ने किसी को आदेश दिया जाओ, संगत को पानी पिलाओ। उसने किसी अन्य सेवादार को कह दिया। वहां एक बह

इस सृष्टि के कण-कण का विधान परमात्मा के हाथ में है। उसे चाहे अटल नियम कहेंं, काल कहें, विधाता या परमेश्वर कहें, बात एक ही है। उसे मानना अवश्य पड़ता है, उससे बुद्धि को एक स्थिति प्राप्त होती है। इसके बिना मनुष्य को न तो विश्राम मिलता है और न अहंकार ही छूटता है। बुद्धि भी भ्रमित रहती है। किंतु मनुष्य का निज का भी अपने भाग्य-विधान से कुछ संबंध अवश्य है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मनुष्य स्वाधीन नहीं है, उसका जीवन परमात्मा के विधान के अनुसार ही चलता है। न्या

उत्तरी कश्मीर के गांदरबल जिले के तुलमुला गांव में स्थित खीर भवानी मंदिर कश्मीरी पंडितों के लिए आस्था का सबसे बड़ा प्रतीक है। माता रागन्या इस मंदिर की देवी हैं। साल 1989 में आतंकी घटनाओं से परेशान होकर कश्मीरी पंडित यहां से विस्थापित हो गए थे… देश में जितने भी मंदिर हैं, उन सभी के

मां धूमावती जयंती के विशेष अवसर पर दस महाविद्या का पूजन किया जाता है। 14 जून को धूमावती जयंती मनाई जाएगी। धूमावती जयंती समारोह में धूमावती देवी के स्तोत्र पाठ व सामूहिक जप का अनुष्ठान होता है।

टेक्नोलॉजी बढऩे के साथ आजकल हर किसी को मोबाइल की आदत हो गई है। टेक्नोलॉजी जितना हमारे लिए फायदेमंद साबित हुई है, उतने ही इसके नुकसान देखने पड़ रहे हैं। आजकल बड़ों की तरह बच्चों को भी मोबाइल और लैपटॉप की आदत हो गई है।

देवभूमि हिमाचल देवी-देवताओं के मंदिरों का प्रदेश है। जहां जगह-जगह पर मंदिर मिल जाएंगे। ऐसा ही एक मंदिर है माता नबाही देवी का, जो जिला मंडी के सरकाघाट से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर सडक़ के किनारे बसे एक छोटे से गांव...

धर्मशाला शहर में अतिक्रमण और बेतरतीब पार्किंग से हर पल हादसे का डर, दुकानदारों के सामान सजाने से सिकुडऩें लगी सडक़ें नरेन कुमार-धर्मशाला धर्मशाला में स्मार्ट सडक़ों-चौक्कों व करोड़ों रुपए से बनाए गए बस स्टॉप में अतिक्रमण और बेतरतीब पार्किंग का घड़ा अब भर चुका है। बावजूद इसके शहर को अनस्मार्ट किए जाने वाले हर

प्रतिनिधिमंडल ने सडक़, बिजली और दूरसंचार नेटवर्क की मांग को लेकर उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल को सौंपा ज्ञापन दिव्य हिमाचल ब्यूरो-चंबा चुराह उपमंडल की ग्राम पंचायत सनवाल के मक्कन-चचलू गांव के प्रतिनिधिमंडल ने सडक़, बिजली व दूरसंचार नेटवर्क की मांग को लेकर शुक्रवार को उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन की एक प्रति मुख्यमंत्री ठाकुर