हिमाचल में सृजन की उर्वरा जमीन पर उम्मीदों की नई कोंपलें फूटंेगी ऐसी संभावना है। साहित्य समाज का दर्पण होने के साथ-साथ अपने समय का प्रामाणिक दस्तावेज भी होता है। जो अपने समय, समाज, संस्कृति और इतिहास को भी रेखांकित करता है। हिमाचली रचनाकारों में भी आज अपने समय की विदू्रपताओं और विषमताओं को लेकर

 धर्मशाला —  देश भर में जियो टैगिंग योजना की प्रक्रिया को पूरा करने वाला देवभूमि हिमाचल का जिला कांगड़ा पहला स्थान हासिल करेगा। जिला के 11 विकास खंडों में इस प्रक्रिया को पूरा किया जा चुका है, जबकि जल्द ही शेष बचे ब्लॉक भी प्रक्रिया को पूरा करेंगे। इसके लिए विभाग द्वारा भी पूरी तत्परता

सिहुंता —  ग्राम पंचायत सिहंता के गांव मलाड़ा में निर्माणाधीन भवन से प्राकृतिक जल स्रोत का नामोनिशान मिट जाने व रिटेनिंग वाल के  उद्घाटन से पूर्व ही क्षतिग्रस्त हो जाने को लेकर मालाड़ा के स्थानीय महिला मंडल व ग्रामीणों ने प्रशासन के समक्ष उठाया है। उन्होेंने 15 जनवरी को ट्राइबल भवन के उद्घाटन के समय

तेलंगाना में प्रदेश की महिला टीम ने दूसरा स्थान हासिल कर रचा इतिहास, पुरुष वर्ग की टीम ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया बिलासपुर— तेलंगाना में आयोजित हुई राष्ट्रीय रग्बी प्रतियोगिता में हिमाचल की महिला टीम ने दूसरा स्थान हासिल कर इतिहास रच दिया है। मणिपुर की टीम ने हिमाचल को फाइनल मैच में महज

 कुल्लू —  पिछले तीन दिनों से जिला कुल्लू में हुई बर्फबारी से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। बर्फबारी होने से जहां बिजली आपूर्ति बाधित हुई है, वहीं जिला में पानी की भारी किल्लत भी हो गई है। बर्फबारी से पानी के नल जाम हो गए हैं। कई जगह लोगों को बर्फ

मतियाणा— मतियाना के आसपास के क्षेत्रों में सड़कों के किनारे लगभग 15 से 18 लावारिस पशुओं की मौत का मामला सामने आया है। मतियाना बाजार में पांच गाय और बैल सड़क में मृत पाए गए तथा इसके अलावा ऊंचाई वाले क्षेत्रों दलोग घाटी, शिलरू व मारकंडा के जंगलों मेें भी कड़ाके की ठंड से पशुओं

हिमाचल प्रदेश भाषा विभाग की पहाड़ी दिवस पर आयोजित संगोष्ठियों में भी इस विषय पर बहस हुई। ‘दिव्य हिमाचल’ के प्रतिबिंब स्तंभ में इस विषय पर लेखकों के विचार पाठकों को पढ़ने-सोचने को मिले, जो इस भाषा के प्रति सामयिक चिंतन को रेखांकित करते हैं। वर्ष 2016 के मध्य हिमाचल-पहाड़ी भाषा को लेकर काफी गरमाहट

करसोग— उपमंडल करसोग में सुंदरनगर से आ रही बिजली लाइन ठप हो जाए तो कोई भी ऐसी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, जिससे करसोग को बिजली सुविधा बहाल हो सके। इसको लेकर क्षेत्र के लोगों में कड़ा रोष इस बात को लेकर दो दिनों के दौरान देखा जा रहा है कि लगभग साढे़ चार साल पहले

आशापूर्णा देवी बांग्ला भाषा की प्रख्यात उपन्यासकार हैं, जिन्होंने मात्र 13 वर्ष की आयु में लिखना प्रारंभ कर दिया था और तब से ही उनकी लेखनी निरंतर सक्रिय बनी रही। अपनी प्रतिभा के कारण उन्हें समकालीन बांग्ला उपन्यासकारों की प्रथम पंक्ति में गौरवपूर्ण स्थान मिला। उनके विपुल कृतित्व का उदाहरण उनकी लगभग 225 कृतियां हैं,