नाहन —  उपायुक्त सिरमौर बीसी बडालिया ने बताया कि गत दिनों हुई भारी बर्फबारी व वर्षा के कारण जिला में विभिन्न विभागों द्वारा आकलन करने के उपरांत लगभग 2.23 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है। उन्होंने बताया कि जिला में सड़कों के हुए नुकसान का आकलन करने पर लोक निर्माण विभाग द्वारा लगभग 74

थुनाग— सराजघाटी में बर्फबारी हो जाने के छह दिन बाद भी अभी सराज क्षेत्र को जोड़ने वाले मार्ग बंद पडे़ हं। वहीं जंजैहली मंडी मार्ग से बर्फ हटा दी गई है, लेकिन सड़क पर बर्फ जम जाने के कारण गाड़ी फिसल रही हैं, जिसके चलते गाड़ी चालक जान पर खेल कर गाड़ी को ले जा

बिलासपुर  —  जिला वाल्मीकि समाज बिलासपुर के अध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि वाल्मीकि समुदाय के उन लोगों को हिमाचली प्रमाण पत्र बनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जो करीब पांच दशकों से यहां पर रह रहे हैं। इसी आशय को लेकर उन्होंने उपायुक्त बिलासपुर को ज्ञापन  भी सौंपा तथा न्याय की

जुखाला  –  जिला भर में कृषि बागबानी व सब्जी उत्पादन के लिए मशहूर जुखाला घाटी के किसानों को आखिर कब जाकर सब्जी मंडी और कोल्ड स्टोर नसीब होगा। जुखाला क्षेत्र की जनता के जहन में यह एक बड़ा सवाल है। हालांकि सब्जी मंडी और कोल्ड स्टोर के लिए प्रदेश सरकार ने प्रयास किए थे, लेकिन

रामपुर बुशहर— छह दिन बाद भी एनएच-पांच वाहनों के लिए नहीं खुल पाया है। इतना ही नहीं रोहड़ू सड़क मार्ग भी पूरी तरह से बाधित है, जबकि कुल्लू मुख्यालय अभी भी आउटर सिराज से कटा हुआ है। ऐसे में बर्फबारी ने ही कई क्षेत्रों मंे दिक्कतें खड़ी कर दी हैं। गौरतलब है कि शुक्रवार को

शिमला — मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक अगले दो दिन तक प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में मौसम साफ रहेगा, लेकिन दो दिनों के बाद 17 जनवरी तक मौसम के मिजाज फिर बिगड़ने वाले हैं। बुधवार

बैजनाथ —  शिव मंदिर बैजनाथ में सात दिवसीय घृत मंडल वर्ष का शुभारंभ 14 जनवरी दोपहर बाद मकर संक्रांति दिवस पर पूरे मंत्रोउच्चारण एवं विधिवत पूजा-अर्चना के साथ होगा। इस बार करीब पांच क्विंटल घी से सौ बार शीतल जल में मक्खन तैयार कर शिवलिंग पर मंडप तैयार किया जाएगा। यह घृत मंडल पर्व सात

चंबा –  जिला में पांच दिनों के बाद बर्फबारी व बारिश का दौर थमने के बाद चटख धूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि सुबह-शाम कड़ाके की ठंड का प्रकोप लगातार बना हुआ है। मौसम के साफ  होते ही बर्फबारी व बारिश से हुए नुकसान की भरपाई के लिए लोक निर्माण

बरमाणा —  क्या मैं जीवित रहते दिव्यांग बच्ची को अपनी आंख दे सकता हूं। क्योंकि मैं चाहता हूं कि वह दिव्यांग बच्ची की मेरी आंखों से जिंदगी की वह रोशनी देख सके जिससे आज तक वह महरूम रही है। मेरी भी तीन बेटियां हैं और उस दिव्यांग बेटी के आंसुओं ने मेरी रूह को अंदर