आसन बैराज के आंगन में 4589 विदेशी मेहमान
पांवटा साहिब — पांवटा साहिब की सीमा से सटे उत्तराखंड के आसन बैराज वेटलैंड में प्रवासी पक्षियों की तादाद इस बार कम दर्ज हुई है। पक्षियों की गिनती का कार्य पूरा हो गया है। इस बार यहां पर मात्र 4589 प्रवासी व विदेशी पक्षियों ने दस्तक दी है जो गत वर्ष के मुकाबले कम है। बताया जा रहा है कि गत वर्ष इनकी तादाद करीब आठ हजार थी। इनके कम आगमन का मुख्य कारण पिछले तीन माह से बारिश व बर्फबारी न होना बताया जा रहा है। विभाग के पक्षी विशेषज्ञ प्रदीप सक्सैना ने जानकारी देते हुए बताया कि देहरादून वाइल्ड संस्थान से एक टीम पक्षियों की गणना के लिए झील पर पहुंची थी। इस टीम में मोनिका कौशिक, सुनीति दत्ता, हनुमंत पांडे, संदीप बेनर्जी, निलंजन चटर्जी और अंकिता सिन्हा आदि ने बीते 14 जनवरी से पक्षियों की गणना का कार्य आरंभ किया था। दो दिनों में गणना पूरी कर इनकी संख्या 4589 बताई गई। इनमें सुर्खाव व पिनटेल्स समेत करीब 20 विदेशी प्रजातियों और करीब 44 लोकल प्राजातियों के प्रवासी पक्षियों ने यहां डेरा डाला है। इस बार शेलडक, पिनटेल्स, रूडी, यूरेशियन, शावलर, रेड ग्रेस्टर, पोचार्ड, डक, टफ्ड, स्पाट बिल, मोरगेन, टील, डकएकामन व पांड आदि पक्षी आसन वेटलैंड में पहुंच गए हैं। गौर हो कि यहां पर पक्षी हिमाच्छादित पोलीआर्टिक, यूरोप, मध्य एशिया व साइबेरिया आदि ऐसे क्षेत्रों से आकर शरण पाते हैं जहां सर्दियों के मौसम में झीलें और समुद्र जम जाते हैं, लेकिन इस बार मौसम की बेरुखी के कारण न तो ज्यादा बारिश हुई और न ही बर्फबारी। यही कारण है कि यूरोप के देशों से पक्षियों की संख्या यहां पर कम देखी जा रही है। विभाग के पक्षी विशेषज्ञ प्रदीप सक्सैना ने बताया कि टीम ने पक्षियों की गणना का कार्य पूरा कर लिया है। इस बार कुल 4589 प्रवासी व विदेशी पक्षी झील के आसपास पहुंचे हैं।
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