इंश्योरेंस में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

By: Jan 19th, 2017 12:10 am

पांचों साधारण बीमा कंपनियों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने की भी मंजूरी

NEWSनई दिल्ली— केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की पांचों साधारण बीमा कंपनियों को सूचीबद्ध कराने और उनमें अपनी 25 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचने को मंजूरी दे दी है। इसके बाद सरकार की इन कंपनियों में हिस्सेदारी 75 प्रतिशत रह जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की यहां हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। वित्त मंत्री अरुण जेटली और विधि एवं न्याय मंत्री तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा कि आर्थिक मामलों की समिति ने साधारण बीमा क्षेत्र की पांचों सरकारी कंपनियों को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कराने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। श्री जेटली ने कहा कि न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड,  ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और भारतीय साधारण बीमा निगम में सरकार अपनी हिस्सेदारी 100 फीसदी से कम कर 75 फीसदी करेगी। वित्तीय मामलों के विभाग को इन कंपनियों को सूचीबद्ध कराने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि पूंजी बाजार नियामक सेबी और भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा-आई) के नियमों के तहत इन कंपनियों को सूचीबद्ध कराया जाएगा। एक बार में 25 फीसदी हिस्सेदारी का विनिवेश नहीं किया जा सकेगा, इसलिए यह प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होगी। प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) या ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिए इन बीमा कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी कम की जाएगी। श्री जेटली ने कहा कि वर्ष 2016-17 के बजट भाषण में की गई घोषणाओं के अनुरूप बीमा कंपनियों को सूचीबद्ध कराया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों में विनिवेश के लिए वैकल्पिक प्रणाली को मंजूरी दी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन  किया गया। इस प्रणाली के तहत किसी भी कंपनी में विनिवेश की मात्रा तय की जाएगी। प्रत्येक कंपनी के संबंध में फैसला स्वतंत्र रूप से होगा। इसमें कंपनी में सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी का ध्यान रखा जाएगा। सरकार के इस फैसले से विनिवेश प्रक्रिया के संबंध में अटकलबाजी कम करने में मदद मिलेगी।

105 पुराने कानून होंगे रद्द

नई दिल्ली— सरकार ने पुराने और निरर्थक हो चुके 105 कानूनों को निरस्त करने का निर्णय लिया है और इसके लिए निरस्तीकरण और संशोधन विधेयक 2017 संसद में पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में  मंत्रिमंडल की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई।


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