खतरे से खाली नहीं सराज का सफर

By: Jan 19th, 2017 12:05 am

चैलचौक —  मंडी जनपद के सबसे खूबसूरत क्षेत्र जंजैहली में अभी भी सफर करना खतरे से खाली नहीं है। पिछले एक सप्ताह में घाटी में तीन से चार बार भारी बर्फबारी दर्ज हुई है। बावजूद इसके प्रशासन बिजली-पानी की व्यवस्था बनाए रखने में कुछ हद तक कामयाब रहा है, लेकिन रात को मौसम साफ  होने की वजह से घना कोहरा सड़कों पर जम जाता है।  सुबह के समय परिवहन व्यवस्था को फिसलन का हर दम खतरा महसूस होने लगा है। जंजैहली घाटी में इस साल भारी बर्फबारी से निचले तथा मैदानी क्षेत्रों के लोग बर्फ  देखने व इसका लुत्फ  उठाने कांढा, बगस्याड़, थुनाग तथा जंजैहली की ओर भारी मात्रा में सैलानी अपनी जान की परवाह किए बगैर रुख करने लगे हैं। गौरतलब है मंडी जिला के कमरूनाग, देवीदढ़, भुलाह, शिकारी माता बहुत रमणीक स्थल होने की वजह से इस ओर लोगों का आकर्षण बढ़ना स्वभाविक बात है। हाल ही में शिकारी माता व इसके आसपास के इलाकों में भारी बर्फबारी होने की वजह से एनआईटी हमीरपुर के दो छात्रों ने अपनी जान गंवा दी थी, जिसको लेकर प्रशासन अब हरकत में आता दिखाई दे रहा है। उधर, एसडीएम गोहर राघव शर्मा ने बताया कि मार्च के अंत तक शिकारी देवी और कमरूनाग देव स्थलों पर कोई भी व्यक्ति न जाए, प्रशासन ने इन पहाडि़यों के रास्तों पर सूचना बोर्ड लगा दिए हैं।

मार्च से पहले न जाएं यहां…

गोहर तथा जंजैहली प्रशासन ने इन रमणीक स्थलों में साइन बोर्ड लगाकर लोगों को निर्दश दिए हैं कि वे मार्च के अंत तक माता शिकारी व देव कमरूनाग की ओर जाने का प्रयास न करें। प्रशासन की ओर से जाच्छ, शाला और जालपा माता मंदिर, जो कि शिकारी देवी और देव कमरूनाग के लिए गोहर उपमंडल से मुख्य रास्ते हैं। सूचना बोर्ड लगवाने का कार्य किया जा रहा है।


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