जियो टैगिंग पर कांगड़ा नंबर वन, सीएम खुश

By: Jan 19th, 2017 12:08 am

newsधर्मशाला —  जिला मुख्यालय धर्मशाला में बुधवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मनरेगा के अंतर्गत विकास कार्यों की शत-प्रतिशत जियो टैगिंग के बाद ऑनलाइन देखने की प्रकिया का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने जियो टैगिंग के कार्यों को बखूबी निभाने के लिए जिला परियोजना अधिकारी सहित जिला कांगड़ा के खंड विकास अधिकारियों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने मनरेगा के अंतर्गत परिसंपतियों की जियो टैगिंग में कांगड़ा जिला के देश में प्रथम जिला बनने की उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि हालांकि कांगड़ा जिला राज्य का सबसे बड़ा जिला है, लेकिन जियो टैगिंग में ग्रामीण विकास अधिकारियों के टीम वर्क तथा नेतृत्व ने इसे देश का पहला जिला बनने का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम कृषि, सिंचाई, शिक्षा तथा स्वास्थ्य जैसे सभी क्षेत्रों के एकीकृत विकास में मदद करेगा।  मुख्यमंत्री ने कहा कि जियो टैगिंग भुवन जियो पोर्टल पर मोबाइल ऐप भुवन के माध्यम से जीपीएस आधारित स्थान की जानकारी के लिए प्रयोग की जाती है। इससे पूर्व कांगड़ा के उपायुक्त सीपी वर्मा ने मुख्यमंत्री तथा अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए मनरेगा के अंतर्गत संपत्तियों की जियो टैगिंग में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए जिला के कार्यकलापों का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि जिला में 748 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 3253 गांव हैं।

97.70 प्रतिशत जॉब कार्डों का सत्यापन

मनरेगा के तहत जिला कांगड़ा में 100 करोड़ 56 लाख रुपए के बजट के विरुद्ध इस वर्ष जनवरी माह तक 81.1 करोड़ रुपए खर्च कर 25 लाख 89 हजार 912 कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं। मनरेगा के अंतर्गत जिला में कुल 97.70 प्रतिशत जॉब कार्डों का सत्यापन किया गया है , जबकि सात नए रजिस्टरों के रख-रखाव में उपलब्धि 100 प्रतिशत है।

वीडियो से जियो टैगिंग पर किया जागरूक

जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कांगड़ा के उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी मुनीष शर्मा ने वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से जियो टैगिंग परियोजना की विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा, वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया, मुख्य सचिव वीसी फारका, अतिरिक्त मुख्य सचिव तरुण श्रीधर व डा. श्रीकांत बाल्दी तथा ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ओंकार शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री से स्थायी नीति बनाने के लिए गुहार

धर्मशाला – जिला चंबा के पंचायत एजुकेटर की भूमिका निभा रहे कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से स्थासी नीति बनाए जाने की गुहार लगाई है। चंबा से मुख्यमंत्री से मिलने के लिए मिनी राजधानी धर्मशाला पहुंचे सैकड़ों कर्मचारियों ने नियमित नीति की गुहार लगाई है। चंबा से आए कमला, सुनीता, अंबालिका, रजनी देवी, कांता, अनिल शर्मा, किशन चंद और बहादुर सिंह का कहना है कि पिछले कई सालों से चंबा में सरकार की योजनाओं को आम लोगों तक पहुुंचाने का काम कर रहे हैं। सरकार की योजनाओं को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने के लिए चंबा में 264 कर्मचारियों को तैनात किया गया है। उन्होंने सीएम अपने लिए स्थायी नीति बनाए जाने की गुहार लगाई है।

सीएम से मिले सेल्फ फाइनांस प्राध्यापक

धर्मशाला :   सेल्फ फाइनांस कोर्स प्राध्यापक कर्मचारी संगठन ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से भेंट की। कर्मचारी संगठन ने शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा और उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री को अपनी समस्याओं से अवगत करवाया है। कर्मचारी संगठन ने शिक्षक व गैर शिक्षक स्टाफ के लिए स्थायी नीति बना कर नियमित करने की मांग की है। कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों ने बताया कि वर्ष 1995 में वीरभद्र सिंह द्वारा ही प्रदेश में यह कोर्स शुरू किए गए थे। वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न कालेजों में एमबीए, एमसीए, बीबीए, बीसीए, पीजीडीसीए, बीएड, बॉयोटेक, एड आन कोर्स व बीटीए के तहत हजारों छात्र प्रशिक्षण ग्रहण कर रहे है। इन सभी कोर्सों को सुचारू रूप से चलाने के लिए विभिन्न समितियों के  माध्यम से 500 से अधिक सख्या में स्टाफ सेवाएं प्रदान कर रहे है।


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