दस साल में क्यों नहीं लगी एक भी ईंट

By: Jan 17th, 2017 12:05 am

बिलासपुर —  बिलासपुर के दो विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ने के लिए गोबिंदसागर पर प्रस्तावित बैरीदड़ोलां पुल का निर्माण एक दशक से निर्माण की राह देख रहा है। हालांकि विभाग द्वारा गत वर्ष पुल निर्माण के लिए रिवाइज्ड डीपीआर तैयार करने की बात भी कही थी, लेकिन इसके लिए जमीन अधिग्रहण की औपचारिकताएं भी अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं। लिहाजा पुल का निर्माण कार्य खटाई में पड़ गया है। इस पुल का शिलान्यास मार्च, 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया था। पुल के शिलान्यास मौके पर उन्होंने कहा था कि दो क्षेत्रों के बीच बनाए जाने वाले इस पुल का निर्माण तीन वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन हैरानी की बात है इन दस वर्षों में पुल का बनना का दूर की बात बल्कि इसका निर्माण कार्य शुरू करने के लिए सरकार द्वारा एक इर्ंट तक नहीं लगाई गई। हालांकि कांग्रेस नेताओं द्वारा इसके निर्माण को लेकर समय-समय पर घोषणाएं भी खूब की जाती रहीं। भाजपा नेताओं ने द्वारा भी इसके निर्माण को लेकर कांग्रेस सरकार पर जमकर प्रहार किए जाते रहे। झील के दोनों ओर के लोगों ने भी कई बार सरकार के समक्ष पुल निर्माण की मांग को लेकर ज्ञापन प्रेषित किए, लेकिन बावजूद इसके आज तक पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। सूत्रों के अनुसार लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2013 में बैरीदड़ोलां पुल निर्माण के लिए 165 करोड़ रुपए का बजट सरकार को भेजा था। विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना था कि पुल निर्माण के लिए पहले झील के दोनों ओर से जमीन का अधिग्रहण किया जाए, उसके बाद ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। विभागीय सूत्र बताते हैं कि बिलासपुर की तरफ करीब चार सौ मीटर जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी कर इसे उच्चाधिकारियों को सौंप दिया है, लेकिन अभी घुमारवीं की ओर से करीब पौना किलोमीटर जमीन अधिग्रहण संबंधी कार्रवाई अभी तक भी पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में अगर सरकार द्वारा इसके निर्माण को लेकर ढील बरती जाती है, तो इसकी लागत में और ज्यादा इजाफा हो सकता है।  अगर सरकार द्वारा इसके निर्माण को लेकर अभी भी सकारात्मक रूख नहीं अपनाया गया तो इसकी लागत में भी खासी वृद्धि हो सकती है।

श्रीनयनादेवी-घुमारवीं झंडूता को होगा फायदा

अगर बैरीदड़ोलां पुल का बनता है तो इससे श्रीनयनादेवी, झंडूता और घुमारवीं क्षेत्रों के लोग बिलासपुर सदर क्षेत्र से जुड़ सकते हैं। लोगों का कहना है कि झंडूता विधानसभा क्षेत्र आरक्षित, पिछड़ा व दुर्गम क्षेत्र के होने के चलते कई समस्याओं से जूझ रहा है। इस पुल के बनने से इस क्षेत्र के लोग सीधा जिला मुख्यालय से जुड़ जाएंगे। इस पुल के अभाव में उन्हें लंबा सफर तय करके और भारी धनराशि खर्च करके यहां आना पड़ता है।

कांग्रेस ने विकास के नाम पर जनता से किया धोखा

गोबिंदसागर घाट सुधार सभा के प्रधान राम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विकास के नाम पर जनता को छला है। शिलान्यास के नौ वर्षों के बाद भी बैरीदड़ोलां पुल के निर्माण कार्य को अभी तक शुरू नहीं किया जाना इस बात का परिचायक है। उन्होंने कहा कि हालांकि बिलासपुर की ओर से भूमि अधिग्रहण संबंधी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं, लेकिन घुमारवीं की ओर से यह कार्रवाई अभी तक अधर में लटकी हुई है। फिर भी अगर सरकार ने समय रहते कुछ नहीं किया तो एक तो समय बढ़ जाएगा दूसरा इसकी लागत की बढ़ेगी।


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