भारतीय सैनिकों को महंगा पड़ा हैजा का इंजेक्शन न लेना

By: Jan 10th, 2017 12:02 am

नई दिल्ली – हैजा का टीका लिए बिना हैती जाना भारतीय शांतिदूतों को महंगा पड़ गया। अब संयुक्त राष्ट्र मामले की जांच करेगा। बता दें कि कैरिबियाई देश हैती में हैजा का टीका लेकर जाना अनिवार्य है। बीते साल जुलाई-अगस्त में असम रायफल्स के करीब 100 से ज्यादा जवान हैती गए थे। गृह मंत्रालय ने प्रमाणित भी किया था कि इन्होंने हैजा का टीका लिया है। अब संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक तौर पर भारत सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है कि उन्होंने इन सैनिकों को प्रमाणित क्यों किया। असल में साल 2010 से पहले हैती में हैजा का एक भी मामला नहीं था, लेकिन इसके बाद जब संयुक्त राष्ट्र शांति सेना हैती पहुंची तो वहां हैजा के मामले आए। शांति सेना में अधिकतर जवान नेपाल से थे। इन सैनिकों पर हैती में हैजा फैलाने का आरोप था। बीते छह साल में हैती में हैजा से करीब दस हजार लोगों की जान जा चुकी है। हैती की तरफ से कड़ी आलोचना के बाद संयुक्त राष्ट्र ने साल 2015 में हैती जाने से पहले शांतिदूतों के लिए हैजा का टीका लेना अनिवार्य कर दिया। इसके एक साल बाद ही असम रायफल्स के 100 जवान हैती पहुंचे। इनका दावा था कि इन्होंने हैजा का टीका लिया है।


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