राष्ट्रीय मानकों पर नहीं हो रहा अमल

By: Jan 16th, 2017 12:02 am

हिमाचल में स्टैंडिंग फायर एडवाइजरी काउंसिल के दिशा-निर्देशों की अनदेखी

शिमला – हिमाचल प्रदेश में आगजनी से भवनों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय मानकों पर अमल नहीं किया जा रहा है। स्टैंडिंग फायर एडवाइजरी काउंसिल द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों को यहां पर लागू नहीं किया जाता। ऐसे में यहां सुरक्षा के लिहाज से कोई इंतजाम नहीं हैं। यहां तक कि सरकारी भवनों में भी फायर सेफ्टी को लेकर पहले से कोई इंतजाम नहीं हैं। यदि कहीं पर फायर फाइटिंग सिलेंडर लगाए गए हैं तो उनको रिफल नहीं किया जाता। मानकों के मुताबिक इन सिलेंडरों को एक साल में बदलना जरूरी है, लेकिन यहां सचिवालय से लेकर दूसरे सरकारी भवनों, स्कूलों और अस्पतालों में सालों से पुराने सिलेंडर लगे हैं, जिन्हें बदलने की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता। स्टैंडिंग फायर एडवाइजरी काउंसिल के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोई भी भवन, जो कि 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाला है, वहां पर फायर फाइटिंग से जुड़े उपकरण होने जरूरी हैं, मगर यहां पर कुछ एक सरकारी भवनों को छोड़कर किसी में भी ऐसी व्यवस्था नहीं है।

आईजीएमसी में रैंप भी बंद

आईजीएमसी में जहां सुरक्षा मानक अपनाने बेहद जरूरी हैं, वहां पर भी इसे पूरी तरह से नहीं माना जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि यहां पर बिल्डिंग की टॉप फ्लोर पर फायर फाइटिंग के लिए एक रैंप बनाया गया है, परंतु अब इसे भी बंद कर दिया गया है। आगजनी के समय में ऐसी व्यवस्था लाचार कर देगी।

20 मिनट में पहुंचना जरूरी

दिशा-निर्देशों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में दमकल वाहन 20 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचने चाहिए और शहरी क्षेत्रों में पांच मिनट का समय दिया गया है, मगर यहां की संकरी सड़कें दमकल वाहनों को तय समय पर पहुंचने ही नहीं देतीं।

विभाग से नहीं ली जाती एनओसी

केंद्रीय दिशा-निर्देशों के मुताबिक किसी भी रेस्तरां, ढाबे, होटल आदि का निर्माण करने पर दमकल विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है, लेकिन समय के साथ अब कोई भी एनओसी नहीं लेता। अब मामला केवल नक्शे पास करवाने तक ही सीमित रह गया है या फिर नगर नियोजन व नगर निगम, पंचायतों की एनओसी तक ही सीमित है। राष्ट्रीय मानकों की यहां पर खुले तौर पर उल्लंघना की जा रही है।


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