सबसिडी बागबानों के खाते में

By: Jan 8th, 2017 12:02 am

दवा खरीद नीति में बड़े बदलाव की तैयारी में प्रदेश सरकार

 शिमला— प्रदेश सरकार बागबानी में प्रयुक्त होने वाली 20 करोड़ की दवा खरीद नीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसका मसौदा तैयार कर दिया गया है। बागबानी विभाग की तरफ से सरकार को रिपोर्ट पेश कर दी गई है। जल्द इसे हरी झंडी मिलने की सूचना है।  उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक अभी तक दवा खरीद के मामले में कंपनियों के चयन को लेकर पिक एंड चूज के आरोप लगते रहे हैं। इसी वजह से इस बड़े बदलाव की तैयारी है।  राज्य सरकार हर साल पांच से छह कंपनियों का चयन बागबानी विभाग के जरिए करती आ रही थी। विधानसभा के अंदर व इससे बाहर चयन प्रक्रिया व दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल-जवाब होते रहे हैं। इन्हीं सब पर अब अंकुश लगाने के लिए एक ऐसा प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे बागबानों के हित का बताया जा रहा है। इसके अंतर्गत बागबानी विभाग ब्राडेंड दवाओं की सूची ऑनलाइन करेगा, मसलन बागबानों को कौन सी दवा किस कंपनी से खरीद करनी चाहिए, इसकी सूचना बागबानों को दी जाएगी।  बागबान दवा बाजार से खरीदेंगे, इसका बिल ब्लॉक स्तर पर वहां तैनात किए गए बागबानी विकास अधिकारी या फिर सब्जेक्ट मैटर स्पेशलिस्ट के पास जमा करवाएंगे। चूंकि इस बिल में आधार कार्ड व अन्य सूचनाएं भी दी जाएंगी, लिहाजा सबसिडी की 35 से 40 फीसदी की रकम बागबान के खाते में आरटीजीएस के जरिए भेज दी जाएगी। इससे न तो कंपनियों के चयन को लेकर विभाग बदनाम होगा, न ही सरकार की दवा खरीद नीति पर सवाल उठेंगे। यह इतना पारदर्शी होगा कि कोई भी व्यक्ति पूरी सूचनाएं ऑनलाइन हासिल कर सकता है। उच्चाधिकारियों के मुताबिक 31 मार्च के बाद यानी नए वित्त वर्ष में इस नई नीति को मंजूरी मिल सकती है। इससे पूर्व ये आरोप भी लगते रहे हैं कि कंपनियां गुणवत्तायुक्त दवा सप्लाई नहीं करती है। बागबानों को दवाएं समय पर उपलब्ध नहीं होती। अब जो बदलाव किया गया है, उसे लेकर बागबानी विशेषज्ञों से भी सलाह-मशविरा किया जा चुका है। वहीं, कई बागबान संघों से भी राय ली गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इसी के बाद एक विस्तृत रिपोर्र्ट सरकार को भेजी गई है। अब इसी महीने इस बड़े प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की जा सकती है।


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