सुधांसू सिविल अस्पताल रामभरोसे
रोहड़ू – खशधार वार्ड जिला परिषद सदस्य अरविंद धीमान ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुधांसू में स्टाफ की कमी लंबे समय से चल रही है। सुधांसू अस्पताल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद प्राइमरी स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ से चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं की कमी है जिनमें अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और दूसरे किसी भी प्रकार के टेस्ट की सुविधा नहीं है। यह मूलभूत सुविधाएं न होने के कारण छौहारा क्षेत्र के दूरदराज क्षेत्र से आए लोगों को प्राइवेट अस्पतालों व निजी लैब की ओर रुख करना पड़ रहा है। प्राइवेट अस्पतालों व निजी लैब का रुख करने पर मरीजों को एक ही टेस्ट के लिए 500 रुपए से लेकर हजार रुपए तक की फीस वसूली जा रही है। उन्होंने बताया कि छौहारा क्षेत्र के ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में भी स्टाफ का टोटा चल रहा है, जिनमें नौ सब-स्टेशनों में एक भी हैल्थ वर्कर नहीं है। धीमान ने बताया कि छौहारा क्षे़त्र के लोगों के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित समस्याओं का यह खेल पिछले कई सालों से चला आ रहा है। सुधांसू अस्पताल को खुले हुए लगभग 40 साल हो चुके हैंऔर सरकार इसके उत्थान के लिए कुछ भी नहीं कर पा रही है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए सरकार की तरफ से कोई भी कठोर कदम नहीं उठाए जा रहे हैंऔर कई मरीजों को जान से भी हाथ धोना पड़ गया है। उन्होंने बताया कि छौहारा क्षेत्र को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर ही उपयोग किया जा रहा है और इस बाबत उन्होंने मुख्यमंत्री व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी पत्र लिखा है। श्री धीमान ने बताया कि अस्पताल में डाक्टर का एक पद, रेडियोग्राफर के दो पद, लैब टेक्नीशियन के दो पद, चीफ फार्मासिस्ट का एक पद, डेंटल हाइजिनिस्ट का एक पद, क्लेरिकल स्टाफ का एक पद, हैल्थ हेजुकेटर का एक पद, हैल्थ सुपरवाइजर का एक पद पिछले लंबे समय से खाली चल रहा है वहीं उन्होंने बताया कि पीएचसी के अंदर आने वाले सब स्टेशनों में लगभग 20 से ऊपर हैल्थवर्करों की कमी चल रही है।
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