सूखा खत्म…जाड़े की पहली बारिश से जश्न

By: Jan 7th, 2017 12:07 am

आसमान से बरसी राहत की फुहारों ने गेहूं में फूंकी जान, किसानों को जगी बंपर फसल की उम्मीद

newsऊना —  करीब तीन माह के बाद ऊना में हल्की बारिश से किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई है। हालांकि गेहूं की फसल के लिए जिला में हुई बारिश काफी कम रही है, लेकिन जो भी बारिश हुई है उससे भी गेहूं की फसल को लाभ होगा, जिसका लाभ सीधे तौर पर किसानों को ही पहुंचेंगा। ऊना में पिछले करीब तीन माह से बारिश नहीं हो रही थी। किसानों को लंबे समय से बारिश का इंतजार था। बारिश न होने के चलते ऊना में पिछले करीब एक दशक पुराना रिकार्ड भी टूट गया है। बारिश के चलते अब किसानों को लाभ होगा। किसान अशोक कुमार, बेसरिया राम, रुलिया राम, गुरदीप सिंह, सोहन लाल, जोगेंद्र सिंह, मनोहर लाल, स्वरूप सिंह, विजय कुमार, जगतार सिंह, बहादुर सिंह, सुच्चा सिंह, मोहन सिंह, परमजीत सिंह, अमरजीत सिंह, विचित्र सिंह, जीत सिंह, ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि बारिश न होने के चलते उन्हें नुकसान का डर सता रहा था, लेकिन अभी भी गेहूं के लिए बारिश की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उन्होंने महंगे दामों पर गेहूं का बीज खरीदा है, लेकिन यदि समय पर बारिश नहीं होती, तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ता। इस बारे में कृषि उपनिदेशक यशपाल चौधरी ने कहा कि लंबे समय बारिश नहीं होने के चलते किसान परेशान थे, लेकिन अब किसानों को कुछ राहत मिल रही है।

कम होंगी बीमारियां

जिला में हुई हल्की बारिश से बीमारियां भी कम होंगी। लंबे समय से बारिश न होने के चलते बीमारियां बढ़ रही थीं। लोग सर्दी, जुकाम व खांसी सहित अन्य बीमारियों की चपेट में थे, लेकिन अब कुछ हद तक बीमारियों से भी लोगों को राहत मिलेगी।

ऊना में ठंड बढ़ी

ऊना में बारिश से चलते मौसम ठंडा हो गया है। बारिश से पहले जहां तापमान छह मिलीमीटर न्यूनतम और 21 मिलीमीटर अधिकतर था, वहीं अब तापमान में और गिरावट आई है। शुक्रवार को तापमान बेहद कम रहा। ठंड बढ़ने से लोग घरों से कम ही निकले।

ठंड प्रचंड, घरों में दुबके लोग

दौलतपुर चौक- क्षेत्र में हुई हल्की बूंदाबांदी से ठंड एकदम से बढ़ गई। साथ ही किसानों ने भी कुछ राहत की सांस ली है, क्योंकि बारिश न होने से गेहूं की फसल पर असर पड़ रहा था। स्थानीय किसानों में अशोक, विकास, सुरेश, सुखदेव व ओमराज आदि ने बताया कि गेहूं की अच्छी पैदावार तभी संभव जब अच्छी मात्रा में बारिश होगी। उधर, शुक्रवार को हुई बारिश से बढ़ी ठंड से लोग घरों में दुबके रहे।

थानाकलां में बरसे ओले

थानाकलां —  बंगाणा उपमंडल में शुक्रवार सुबह जमकर बारिश हुई। बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि होने से लोगों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है। पिछले करीब साढे़ तीन महीने से बारिश न होने से किसानों की फसलें सिंचित नहीं हो पाई थी, लेकिन शुक्रवार सुबह हुई बारिश फसलों के लिए संजीवनी की तरह देखी जा सकती है। फसलें सिंचित न हो पाने से विभिन्न स्थानों पर गेहूं की फसल पीली पड़ रही थी और सूख रही थी। अब बारिश होने से फसलों में नई जान आ गई है। किसानों में रामआसरा, बलवत सिंह, अजय कुमार, विक्रम सिंह, जगतार सिंह, प्रीतो देवी, पवना देवी व राम स्वरुप आदि ने बताया कि पिछले लंबे समय से बारिश न होने से उनकी फसलें सिंचित नहीं हो पाई थी, जिसके चलते फसलें पीली पड़ गई थीं और मुरझा गई थीं। उन्होंने कहा कि यह बारिश फसल के लिए संजीवनी की तरह है। उन्होंने कहा आसमान से बारिश नहीं उनके लिए तो गेहूं के दाने बरसे हैं।

ऊना में बिजली दो घंटे गुल

ऊना- ऊना में लंबे समय बाद हुई हल्की सी बारिश ने बिजली बोर्ड की पोल खोल कर रख दी है। शुक्रवार को बारिश होते ही बिजली गुल हो गई। बिजली न होने के चलते शहरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सारी मशीनरी ठप होकर रह गई। बिजली न होने के चलते दुकानदार मायूस हो गए। बताया जा रहा है कि ऊना-नंगल मार्ग पर विद्युत लाइन में खराबी आने के कारण बिजली की सप्लाई ठप हुई है, जिसके चलते ऊना शहर में बिजली गुल रही। शुक्रवार सायं करीब दो घंटे तक बिजली ठप रही। विद्युत बोर्ड ऊना के एसडीओ यशबिंद्र सिंह ने बताया कि विद्युत लाइन में फाल्ट आया था, जिसे ठीक किया जा रहा है।

किसान खुश

अंब —  उपमंडल अंब में शुक्रवार को शुरू हुई बारिश से किसानों, बागबानों के चेहरे खिल उठे हैं। पिछले करीब चार महीनों से गायब हए इंद्रदेव ने ज्यों ही शुक्रवार को अपनी दस्तक दी तो उनके आने की खुशी में जंगली जानवर, पशु, पक्षी भी अपने घोंसलों से बाहर निकलकर बारिश का लुत्फ उठाने लगे। सुबह से शुरू हुई हल्की बूंदाबांदी को गेहूं, तोरियां व विभिन्न प्रजाति के फलाहार पेड़-पौधों के लिए भी अच्छा माना जा रहा है। स्वतंत्र किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर सीता राम ने कहा कि काफी समय से बारिश न होने से किसानों व बागबानों की चिंताएं बढ़ गई थीं।

खुशियां लेकर आया नया साल

तलमेहड़ा- नए साल पर भगवान ने किसानों को बहुत ही अच्छा तोहफा दिया है, जिससे किसानों के चेहरे पर रौनक लौट आई है। इलाके में कई ऐसे गांव हैं, जहां सिंचाई की सुविधा नहीं है, उन किसानों को तो भगवान पर ही निर्भर रहना पड़ता है। पहले तो किसानों ने दिसंबर में बारिश की आस लगाई थी, लेकिन नए साल पर यह किसानों को यह बारिश एक गिफ्ट की तरह है, जिससे किसान बहुत खुश हैं।

गगरेट शीतलहर की चपेट में

गगरेट- क्षेत्र में महीनों बाद हुई बारिश से जहां ठंड का प्रकोप बढ़ गया है, वहीं यह बारिश फसलों के लिए संजीवनी साबित हुई है। बारिश होने से क्षेत्र में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है।


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