हिमाचल अपनाएगा कर्नाटक की ई-टेंडरिंग
एपीएमसी 19 से 26 तक करेगी बंगलूर-मैसूर की सब्जी मंडियों का दौरा
बिलासपुर – अब किसान-बागबानों को सब्जी मंडियों में उनके उत्पादों के वाजिब दाम मिलेंगे। आढ़तियों की लूट-खसोट का शिकार नहीं होना पड़ेगा। प्रदेश की सब्जी मंडियों में कर्नाटक की सफल ई-टेंडरिंग प्रक्रिया अपनाने से यह सब होगा। इसके लिए सरकार की परमिशन लेकर एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (एपीएमसी) बिलासपुर के चेयरमैन व सचिव की अगवाई में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की टीम कर्नाटक दौरे पर जा रही है। यह टीम 19 से 26 जनवरी तक कर्नाटक के दौरे पर रहेगी और वहां की सब्जी मंडियों में अपनाई गई ई-टेंडरिंग प्रक्रिया की बारीकियां जानेगी। यहां बता दें कि अभी तक बिलासपुर सहित अन्य जिलों की सब्जी मंडियों में किसानों-बागबानों द्वारा विक्रय के लिए लाई जाने वाली सब्जी व फलों को लेकर खुली बोली लगाई जाती है। खुली बोली में मनमानी होती है, जिस कारण किसानों-बागबानों को उचित रेट नहीं मिल पाता। किसानों-बागबानों को बचाने और उनके उत्पादों के वाजिब दाम उन्हें दिलाने के मद्देनजर राज्य सरकार ने भी प्रदेश में ई-टेंडरिंग प्रक्रिया लागू करने को लेकर प्रयास शुरू किए हैं। बताया जाता है कि कर्नाटक में ई-टेंडरिंग प्रक्रिया काफी सफल है और कई अन्य राज्यों ने भी इस प्रक्रिया को अपनाया है। ऐसे में यहां की सब्जी मंडियों में भी कर्नाटक की ई-टेंडरिंग प्रक्रिया अपनाने की योजना है। सूत्र बताते हैं कि बिलासपुर मार्केट कमेटी प्रबंधन की ओर से सरकार को एक प्रस्ताव स्वी़कृति के लिए प्रेषित किया गया था जिसमें यहां की सब्जी मंडियों में ई-टेंडरिंग प्रक्रिया लागू करने को लेकर कर्नाटक दौरे की परमिशन मांगी गई थी, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।
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