हिमाचल में चार साल बाद गिरा ऊन का उत्पादन

By: Jan 29th, 2017 12:15 am

प्रोडक्शन में दो लाख किलो गिरावट दर्ज

NEWSपालमपुर— प्रदेश में ऊन उत्पादन में कमी दर्ज की गई है और 2015-16 में ऊन की पैदावार का ग्राफ  पांच साल से निचले स्तर पर जा पहुंचा है। लगातार चार साल तक 16 लाख किलो से अधिक ऊन उत्पादन करने के बाद पिछले साल यह आंकड़ा 14 लाख किलो तक ही पहुंच पाया है। पिछले साल प्रदेश में ऊन उत्पादन के लिए निर्धारित लक्ष्य में से 83.9 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है। 2015-16 में देश में कुल ऊन का उत्पादन 43581.34 किलो रहा है और इसमें प्रदेश का योगदान महज 3.2 फीसदी है। पांच साल के दौरान प्रदेश में ऊन उत्पादन का आंकड़ा लगातार 16 लाख किलो से ऊपर रहा है। प्रदेश में 2011-12 में 1648.01 हजार किलो, 2012-13 में 1649.33 हजार किलो और 2013-14 में 1654.99 हजार किलो ऊन का उत्पादन हुआ तो 2014-15 में रिकार्ड 1663.07 हजार किलो उन तैयार की गई। 2015-16 के लिए भी प्रदेश में ऊन उत्पादन का लक्ष्य 16 लाख किलो से अधिक रखा गया था, लेकिन यह करीब दो लाख किलो कम रहा और केवल 1408.87 हजार किलो का उत्पादन ही हो पाया है। आंकड़े बताते हैं कि 2015-16 में राष्ट्रीय स्तर पर भी ऊन के उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज की गई है। देशभर में भी पिछले साल पांच वर्षों का सबसे कम आंकड़ा सामने आया है और 2014-15 के 48139.88 हजार किलो के मुकाबले 2015-16 में 43581.34 हजार किलो ऊन का उत्पादन हुआ है। 13414.61 हजार किलो ऊन के उत्पादन के साथ राजस्थान देश भर में पहले स्थान पर रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर 1950-51 में 27.5 मिलियन किलो ऊन का उत्पादन हुआ था और यह ग्राफ  2002-03 में बढ़कर रिकार्ड 50.5 मिलियन किलो तक जा पहुंचा था। हालांकि उसके बाद यह आंकड़ा नहीं छुआ जा सका है।

अरुणाचल टॉपर

ऊन उत्पादन के निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में 2015-16 में जहां अरुणाचल प्रदेश सबसे ऊपर रहा है, वहीं हिमाचल लक्ष्य से पिछड़ने वाले बॉटम सात प्रदेशों की सूची में शामिल है। ऊन उत्पादन में पांच प्रदेशों ने सौ फीसदी और पांच प्रदेशों ने 90 फीसदी से अधिक लक्ष्य प्राप्त किया, लेकिन हिमाचल का आंकड़ा 90 प्रतिशत को भी नहीं छू पाया।

ऊन उत्पादन

2011-12  1648.01

2012-13  1649.33

2013-14  1654.99

2014-15  1663.07

2015-16  1408.87

(हजार किलो में)


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