अनुबंध में आएंगे प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारी

By: Feb 16th, 2017 12:20 am

मुख्यमंत्री का आश्वासन नीति बनाने वाला पहला राज्य होगा हिमाचल

newsशिमला — मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों को अनुबंध पर लाने के लिए नीति बनाई जाएगी और इसके तहत उनका सेवाकाल का समय भी निर्धारित किया जाएगा। शिमला में आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ की ओर से आयोजित धन्यवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि आउटसोर्सिंग केवल हिमाचल में नहीं की जाती, बल्कि हर जगह होती है, लेकिन हिमाचल सरकार कर्मचारी हितैषी है, इसलिए वह आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने की तैयारी कर रही है और इस तरह की नीति बनाने वाला हिमाचल पहला राज्य होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह नहीं चाहते कि एक कर्मचारी पूरी उम्र आउटसोर्स पर ही नौकरी करे, बल्कि उसके लिए नीति बननी चाहिए।

ब्यूरोक्रेट्स का साथ न होता तो विकास न कर पाता

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ब्यूरोक्रेट्स के सहयोग को विकास के लिए  जरूरी बताते हुए कहा कि अगर उन्हें जनता का प्यार और ब्यूरोक्रेट्स का साथ नहीं मिला होता तो वह इतना विकास नहीं कर पाते। राजनीतिज्ञ केवल राजनीति देख कर घोषणा करते हैं, लेकिन ब्यूरोक्रेट्स को विकास कार्यों को सिरे चढ़ाना होता है, इसलिए वे हर पहलू पर विचार करते हैं।

मुझे कोई नहीं रोक सकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जो कहते हैं, करते हैं। वह कर्मचारियों के लिए जो करना चाहते हैं, वह करेंगें और कोई उन्हें रोकना चाहता है तो वह अच्छी तरह से समझ ले कि वीरभद्र को आज तक कोई नहीं रोक सका।

फिर भी रखे जलवाहक

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी और समाज का गरीब वर्ग हमेशा सरकार की प्राथमिकता रहे हैं। उन्होंने जलवाहकों का उदाहरण देते हुए कहा कि आज सभी स्कूलों में पानी के नल हैं, ऐसे में जलवाहकों की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन फिर भी जलवाहक रखे गए, क्योंकि विशेष श्रेणी के लोगों को रोजगार की जरूरत थी।

ऊपर-नीचे के पहाड़

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब प्रदेश का गठन हुआ था, तो कुछ ऐसे भी लोग थे जो तन से तो हिमाचल में थे, लेकिन मन से कहीं और। उन लोगों ने हमेशा ही प्रदेश को क्षेत्र के नाम पर बांटने की कोशिश की, ऐसे लोग चुनावों के दौरान सक्रिय हो जाते हैं और प्रदेश के लोगों को ऊपर और नीचे के पहाड़ के नाम पर बांटने की कोशिश करते हैं।

विक्रमादित्य की बात कटी

कार्यक्रम में युकां अध्यक्ष विक्रमादित्य ने कहा कि कांग्रेस सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने की कोशिश हो रही है, लेकिन सचिवालय में कुछ अधिकारी विपक्ष के इशारों पर काम में रोड़े अटका रहे हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने विक्रमादित्य की बात को काटते हुए कहा कि अधिकारियों का काम है सरकार को सही तस्वीर बताना और अधिकारी वही करते हैं।

बोले, डीयू में बनना चाहता था प्रोफेसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कभी भी राजनीति में नहीं आना चाहते थे। वह दिल्ली यूनीवर्सिटी में प्रोफेसर बनना चाहते थे और यही सपना उनकी आंखों में था, लेकिन 1962 में उन्हें बिना मांगे ही महासू सीट से लोकसभा का टिकट दे दिया गया और वह राजनीति में आ गए।

जोगटा ने भाजपा को बताया डी कंपनी

अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एसएस जोगटा ने कहा कि प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों की जो समस्याएं हैं, वे डी कंपनी की देन हैं। उन्हांेने प्रदेश भाजपा को डी कंपनी बताते हुए पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के काल की ओर इशारा किया। अध्यक्ष ने कहा कि पूरे प्रदेश के कर्मचारी कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन कुछ गिने-चुने कर्मचारी ऐसे भी हैं, जो अभी संघ से जुड़े हैं और ड्यूटी आवर्ज में संघ की शाखाओं में जाते हैं।

अनुराग ठाकुर को युवाओं की चिंता नहीं

सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष बाबा हरदीप ने कहा कि पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल और उनके पुत्र अनुराग ठाकुर को प्रदेशवासियों की कोई चिंता नहीं है। अनुराग इतने ऊंचे पदां पर रहे, लेकिन हवाई यात्राएं करते रहे और प्रदेश के युवाओं को आगे ले जाने के लिए कुछ न कर सके।


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