गिरफ्त से दूर धान घोटाले के आरोपी

By: Feb 20th, 2017 12:02 am

नारायणगढ़ —  धान घोटाले में मुख्यारोपियों को पकड़ने को लेकर बेशक पुलिस चूहे बिल्ली के खेल में उलझी नजर आ रही है, लेकिन अगर गौर करें तो यह घोटाला हरियाणा एग्रो और पुलिस विभाग की लापरवाही की ही देन है। इस घोटाले की नींव वर्ष 2014 में संदीप राइज मिल में हुई घपलेबाजी और फर्जी बिलिंग खिलाफ के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे उत्साहित होकर ही आरोपियों ने बड़े स्तर के कारनामे को अंजाम दिया। नारायणगढ़ क्षेत्र के बधोली गांव और भरेडी कलां अनाज मंडी के सर्विस एरिया में अमित और प्रदीप नाम के नकली नाम और पते से कुछ शातिर लोगों ने स्थानीय लोंगों से मिलीभगत कर और उन स्थानीय लोगों की मदद से विभागीय अधिकारियों तक पहुंच बनाकर 10 करोड़ 66 लाख रुपए के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। नारायणगढ़ विशेषकर भरेडी कलां अनाज मंडी में धान माफिया का एक गिरोह काम कर रहा है, जिसके शिकार कई आढ़ती व नागरिक भी मामूली लालच के कारण धान माफिया के चुंगल में फंसकर हो चुके हैं, लेकिन उनके रसूख और राजनितिक पहुंच के कारण पुलिस उन तक तथ्य और सबूत होने के बाद भी नहीं पहुंच पाई।

जांच में बड़ी चूक

अगर कानूनी विशेषज्ञों की मानें तो पुलिस जांच अधिकारीयों ने जांच में एक बड़ी चूक की है, क्योंकि मामला धारा 420,406,120 बी भारतीय दंड संहिता का बनता है न की चोरी का और इस मामले में जांच अधिकारी के खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई बनती है।

हाई कोर्ट में दायर करेंगे याचिका

आरटीआई एक्टिविस्ट धर्मवीर ढीडंसा का कहना है की अगर जल्द ही पुलिस और विभाग ने मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न की तो इस मामले में हाई कोर्ट में पुलिस और विभाग के  खिलाफ व निष्पक्ष जांच के लिए याचिका दायर करेंगे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App