जगह जगह हुआ शोभायात्रा का स्वागत, बांटा गया प्रसाद
नालागढ़ — संत रविदास के 639वें प्रकटोत्सव पर गुरु रविदास गुरुद्वारा कमेटी नालागढ़ द्वारा शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। नालागढ़-बद्दी एनएच मार्ग पर स्थित गुरु रविदास गुरुद्वारे से शुरू हुई भव्य शोभायात्रा समूचे शहर की परिक्रमा करती हुई वापस गुरुद्वारा परिसर पहुंची, जिसमें भारी संख्या में समुदाय के लोगों ने शिरकत की। शुक्रवार को निकली इस शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया और श्रद्धालुओं ने गुरु का प्रसाद वितरित किया गया। गुरु रविदास गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान शीतल सिंह ने कहा कि गुरु रविदास समानता, ईश्वर, भक्ति, सेवा, ईमानदारी की श्रमजीविका के पक्षधर थे। उन्होंने कहा कि गुरु रविदास का कहना था कि सदगुण मानव को विकास की ओर अग्रसर करते हैं, अवगुण बाधक बन अंधकारमय जीवन की ओर ले जाते है। मनुष्य को अवगुणों का त्याग कर सदगुणों को ग्रहण करना चाहिए, ताकि काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार रूपी विकारों से बचा जा सके। आनंदमयी जीवन के लिए मनुष्य को भ्रम, पाप, विकार, निंदा, आडंबर आदि दोषों से मुक्त रहना चाहिए। प्रधान शीतल सिंह ने कहा कि गुरु रविदास जन्म आधारित वर्ण व्यवस्था, ऊंच-नीच व भेदभाव के कट्टर आलोचक थे और उनका कहना था कि एकेश्वर वाद के अनुरूप सारे एक ही मिट्टी से बने हुए है और उन्हें बनाने वाला भी एक है। उन्होंने कहा कि गुरु रविदास की शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहिए और उनके बताए गए मानवता के दिए संदेशों पर चलना चाहिए।
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