लाड़ले के इलाज को मदद की गुहार

By: Feb 17th, 2017 12:02 am

नारायणगढ़ में कैंसर से जूझ रहा मजदूर का बेटा, इलाज में खर्च होंगे 10-15 लाख

नारायणगढ़— बेटे की गंभीर बीमारी के इलाज पर खर्च न कर पाने के कारण गरीब मां -बाप अपने बेटे को मृत्यु को ओर बढ़ते देख तड़प रहे हैं। सरकारी अस्पताल से जवाब के बाद  निजी अस्पताल के खर्च में असमर्थ मां-बाप ने सरकार व स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा से गुहार लगाई है। उपमंडल नारायणगढ़ के गांव बरसु माजरा वासी अमरचंद ने कहा कि मेरे बेटे की जिंदगी दिन-प्रतिदिन समाप्त होती जा रही है। मैं गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत कर रहा हूं। मेरे पास निजी अस्पताल में अपने बेटे का इलाज करवाने के लिए पैसे नहीं है। मेरी गुजारिश है कि मेरे बेटे का इलाज पीजीआई चंडीगढ़ से करवाने में मेरी मदद करें। उप मंडल नारायणगढ़ के गांव बरसु माजरा वासी अमरचंद मजदूर के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा मंदीप उम्र 19 वर्ष जो आईटीआई अंबाला में पढ़ता है उसे एक महीने से बुखार आ रहा था, जिसको नारायणगढ़ में दवाई दिलवाते रहे, जब मंदीप की हालत में सुधार नहीं हुआ तो वे तीन फरवरी को मंदीप को लेकर सरकारी अस्पताल सेक्टर-छह पंचकूला लेकर गए, जहां डाक्टरों ने मंदीप के  टेस्ट किए और बताया कि मंदीप को ब्लड कैंसर है। इसके बाद  उसे पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया, जहां सात फरवरी को मंदीप को पीजीआई एडमिट कर लिया गया, जहां पर डाक्टर दीपक उसका इलाज कर रहा था। अमरचंद ने बताया कि डाक्टर ने कहा कि बीमारी का इलाज बहुत मंहगा है और यहां इस बीमारी का इलाज संभव नहीं है। रात के समय हमें बोला गया इसे निजी अस्पताल में दिखाओ। इसके इलाज पर 10-15 लाख रुपए खर्च आएगा, मंदीप ने डाक्टरों से कहा कि मैं गरीब आदमी हूं। मैं इलाज के लिए पैसे जुटाऊंगा। आप मेरे बेटे का इलाज कर दो, मगर बेटे को जबरदस्ती छुट्टी देकर भेज दिया गया और जब मैने अपना कार्ड घर आकर दिखाया तो गांव वालों ने बताया कि कार्ड पर लिखा है कि मैं खुद छुट्टी लेकर आया हूं। उसके बाद 12 फरवरी को मैं अपने बेटे को पतंजलि हरिद्वार लेकर गया, जहां पर भी डाक्टरों ने दवाई दी और वापस भेज दिया। मेरा बेटा उसी दिन से घर पर है। निजी अस्पताल इस बीमारी का इलाज करने के लिए पांच लाख रुपए जमा करने के लिए कह रहे हैं।


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