‘वसंती हवा हूं मैं, बहती हूं, बहती थी, बहती रहूंगी’

By: Feb 3rd, 2017 12:05 am

सोलन —  वसंत पंचमी के अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह बहुभाषी कवि सम्मेलन बाल पुस्तकालय सभागार में आयोजित  किया गया। इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता अकादमी के पूर्व सचिव डा. हरिदत शर्मा ने की। इस दौरान जिला भाषा अधिकारी भीम सिंह चौहान ने वसंत पंचमी के अवसर पर प्रकाश डाला तथा सभी उपस्थित कवियों व श्रोताओं का स्वागत किया। सम्मेलन में हिंदी, संस्कृत व उर्दू भाषा के साथ कवियों ने पहाड़ी बोली में अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। कवि सम्मेलन का आगाज किशोरी लाल कौंडल से किया गया। उन्होंने वसंत ऋतु पर बड़ी मनमोहक कविता प्रस्तुत की, इसके बाद डा. प्रेम लाल गौतम ने वसंत ऋतु के आगमन का बखान कुछ इस तरह किया ‘भर जन-मन में नवल प्रणाम, बसंत पंचमी तुम्हें प्रणाम’। पद्मदेव शास्त्री ने सस्वर ‘वसंती हवा हूं मैं, बहती थी, बहती हूं, बहती रहूंगी’ पक्तियों सुनाकर खूब तालियां बटोरीं। ‘तुम्हारा राज ही तुमसे न कह पाए तो क्या होगा, खुशी के वक्त भी आंसू निकल आए तो क्या होगा’ गजल सुनाकर सबका मन मोह लिया। हेमंत अत्री ने वसंत का स्वागत अपनी व्यंग्यात्मक पहाड़ी रचना में कुछ इस प्रकार किया ‘राच गोआ प्यारा नानका लोको, वसंत आया बड़ा खाणका लोको‘। इसी तरह राम लाल राही ने भी ‘आया वसंत पंचमी रा त्योहार, चहूं किनारे फैली बहार कविता सुनाई। पवन शर्मा ने परिवार में बेटियों की भूमिका के महत्त्व का बखान ‘मां-बाप की जिंदगी का स्वप्न होते हैं बेटे, उनके स्वप्नों को चार चांद लगाती है बेटियां’ पंक्तियों से किया। युवा कवयित्री ममता ठाकुर ने अपनी कविता में बापू गांधी को कुछ इस तरह से श्रद्धांजलि दी ‘दूर जाकर भी अमिट छाप छोड़ जाते हैं कुछ लोग, धरती पर रहकर भी सूरज की तरह चमकते हैं कुछ लोग’। कवि विनोद रोहतकी ने अपनी गजल में कुछ इस तरह कहा ‘सूख जाती हैं बेलें खिलने से पहले ही, वसंत मेरे बगीचे में आना नहीं चाहता, काम है मेहनत का, तन वाह है कम, बागवां इसलिए फूल खिलाना नहीं चाहता’। एसआर आर्य ने कुछ इस तरह से अपना शायराना अंदाज व्यक्त किया ‘न रख उम्मीदें-वफा किसी परिंदे से, जब पर निकल आते हैं तो अपने आशियाने भूल जाते है’। इस अवसर पर सिरमौर से आए वयोवृद्ध कवि हेतराम पहाडि़या व देवेंद्र शास्त्री ने पर्यावरण की चिंता को गंभीरता से लेते हुए लंबी रचनाएं प्रस्तुत कर लोगों को भविष्य की ओर संकेत किया। अनुराधा व राधा चौहान ने अपनी रचनाएं सुनाकर श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया। नवोदित कवि जगदीश कश्यप, कमल कुमार, बीआर आज़ाद, राघव शर्मा की प्रस्तुति भी सराहनीय रहीं। कार्यक्रम में संत राम शर्मा, एचएस ठाकुर, दीपक कश्यप सहित नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष कुलराकेश पंत विशेष तौर पर कार्यक्रम में मौजूद रहे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App