सख्ती के बाद विदेशी माफिया डरे

By: Feb 26th, 2017 12:01 am

दो साल से विदेशी तस्करों के आंकड़े में आई कमी

शिमला  – हिमाचल में मादक द्रव्यों के कारोबार में शामिल विदेशी नागरिकों की संलिप्तता में बीते  दो सालों में कमी देखी गई है। इसके विपरीत देशी नागरिकों के मामले बढ़े हैं। राज्य में एक साल में ही 1079 देशी (भारतीय) नागरिक इस काले धंधे के कारोबार में सलाखों के पीछे जा चुके हैं।  पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार बीते दो सालों में हिमाचल में विदेशी नागरिकों की नशे के धंधे की संलिप्तता में कमी आई है। साल दो 2014 में जहां 15 विदेशी नागरिक इस धंधे में पकड़े गए थे वहीं साल 2015 में छह और 2016 में भी छह ही विदेशी नागरिक पकड़े गए हैं। हालांकि इसके विपरीत नशे के धंधे में शामिल देशी नागरिकों की संलिप्तता में भारी इजाफा हो रहा है। माना जा रहा है कि विदेशी नागरिक ज्यादातर कुल्लू घाटी में इस धंधे में संलिप्त रहते हंै। नब्बे के दशक में विदेशी नागरिक कुल्लू की घाटी में इस धंधे में सक्रिय होने लगे थे। इसकी वजह यह थी कि पहले कुल्लू-मनाली की घाटियों में भांग की खेती बड़े पैमाने पर की जाती थी और इनमें विदेशी लोगों की संलिप्तता पाई जाती थी। यहां तक पहले इन इलाकों में विदेशियों द्वारा जंगलों में भांग की खेती के भी मामले सामने देखे गए, लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद भांग की खेती में कमी आई है।  इसके विपरीत देशी नागरिकों की संलिप्तता नशे के कारोबार में  बढ़ती जा रही है।  हिमाचल में बीते तीन सालों में एनडीपीएस एक्ट के तहत 2542 देशी नागरिक गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें साल 2014 में 740 लोग और साल 2015 में 723 लोगों को गिरफ्तार किया गया। वहीं साल 2016 में अकेले ही 1079 भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। नशे के धंधे में हिमाचल के अलावा अन्य राज्यों के लोग भी पकड़ में आ रहे हैं। अन्य राज्यों के लोग हिमाचल के दुर्गम इलाकों में सीधे पहुंच रहे हैं और वहां से चरस व अन्य मादक द्रव्यों की खरीद कर बाहर ले जा रहे हैं। वहीं ये लोग बाहर से सिंथेटिक ड्रग्ज भी  हिमाचल पहुंचा रहे हैं। ऐसे में हिमाचल के अलावा अब अन्य राज्यों के लोग भी पकड़ में आ रहे हैं। उधर, बीते तीन सालों की बात करें तो राज्य में एनडीपीएस के 2195 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें साल 2014 में 644, साल 2015 में 622 और बीते एक साल में सबसे ज्यादा 929 मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए हैं।


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