साल गुजरा, 1500 कर्मी पक्के नहीं
स्वास्थ्य अनुबंध समिति कर्मचारी संघ ने उठाया मुद्दा
बिलासपुर, शिमला – स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत करीब 1500 कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण की स्थायी नीति को एक वर्ष के बाद भी अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। यह बात स्वास्थ्य अनुबंध समिति कर्मचारी संघ ने कही है। संघ का कहना है कि 16 फरवरी, 2016 को प्रदेश सरकार द्वारा इन कर्मचारियों को नियमित करने के लिए स्थायी नीति हेतु कैबिनेट स्तर पर मंजूरी प्रदान की गई थी, लेकिन आज तक उस पर कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया गया है, जिससे कर्मचारियों में निराशा है। संघ की प्रदेशाध्यक्ष दुष्यंता चौहान, प्रदेश महासचिव अशरफ खान, प्रेस सचिव राज कुमार, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश कश्यप ने बताया कि इस बारे में मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य सचिव, मिशन निदेशक एवं निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं सहित युवा कांग्रेस को भी कई बार आग्रह किया गया। इसके साथ ही कैबिनेट के फैसले को अमलीजामा पहनाने को अगवत करवाया गया। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद विभाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 126 आयुर्वेदिक मेडिकल अफसरों को नियमित किया जा चुका है, जिन्होंने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है जबकि ये कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में 15-20 वर्षों से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा 122 पार्ट टाइम कर्मचरियों को नियमित कर स्वास्थ्य विभाग में तैनाती दी गई है, जबकि वे प्रदेश में दूसरे विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे थे। ये कर्मचारी शैक्षणिक एवं तकनीकी तौर पर निपुण होने के बावजूद अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि कैबिनेट में मंजूर किए गए अपने फैसले को बजट सत्र शुरू होने से पहले अमलीजामा पहनाएं अन्यथा सभी कर्मचारी मार्च माह से शिमला में परिवार सहित प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। संघ पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों को लेकर जल्द सही निर्णय लेगी।
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