सुनो सरकार, हिमाचल में लाखों नौजवान बेरोजगार

By: Feb 15th, 2017 12:15 am

युवाओं को काम दिलाने में पिछड़ रहा प्रदेश, बेरोजगारी दर के क्षेत्र में पिछड़े दस प्रदेशों में

newsपालमपुर —  प्रदेश में करीब 70 लाख की जनसंख्या में बेरोजगारों का आंकड़ा आठ लाख को पार कर चुका है। पंजीकृत बेरोजगारों की इतनी बड़ी संख्या वाला प्रदेश रोजगार देने के मामले में राष्ट्रीय दर से बहुत नीचे है। राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के 2015-16 के जारी आंकड़े बता रहे हैं कि देश में बेरोजगारी की दर जहां पांच फीसदी पर टिकी है, वहीं प्रदेश में यह दर 10.6 प्रतिशत तक जा पहुंची है। यूज्अल प्रिंसीपल स्टेट्स अप्रोच के आधार पर तैयार बेरोजगारी के आंकड़े बताते हैं कि इस सूची में त्रिपुरा सबसे ऊपर है और वहां चिंताजनक तौर पर बेरोजगारी की दर 19.7 प्रतिशत को छू रही है। इस सूची में 18.1 प्रतिशत की दर के साथ सिक्किम दूसरे, 16.1 प्रतिशत की दर के साथ लक्षद्वीप तीसरे, 12.7 प्रतिशत की दर के साथ अंडेमान और निकोबार चौथे तथा 12.5 प्रतिशत की दर के साथ केरल पांचवें स्थान पर है। 10.6 प्रतिशत की दर के साथ हिमाचल इस सूची में छठे स्थान पर है, यानी उपलब्ध बेरोजगारों को नौकरी न दे पाने के मामले में प्रदेश का प्रदर्शन काफी चिंताजनक है। राष्ट्रीय स्तर पर इस सूची में सबसे ऊम्दा काम दमन व दीव का रहा है। यहां बेरोजगारी की दर मात्र 0.3 प्रतिशत दर्ज की गई है। 0.9 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ बड़े प्रदेशों में गुजरात युवाओं को नौकरी देने में अव्वल साबित हुआ है। वहीं, कर्नाटक में बेरोजगारी दर 1.5, छत्तीसगढ़ में 1.9 और महाराष्ट्र में 2.1 प्रतिशत रही है। राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 5.1 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में यह दर 4.9 प्रतिशत रही। गौर रहे कि प्रदेश में बेरोजगारों का आंकड़ा आठ लाख से ऊपर पहुंच चुका है और कांगड़ा तथा मंडी जिला में पंजीकृत बेरोजगारों का आंकड़ा एक लाख के पार है, जबकि केवल तीन जिलों में यह संख्या 50 हजार से कम है। बेरोजगारी का मुद्दा चुनावों के दौरान भी अहम रहता है और इस बार तो बेरोजगारी भत्ते का मुद्दा भी काफी गरमा चुका है।


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