हक के लिए दिल्ली में गरजेंगे जाट

By: Feb 20th, 2017 12:02 am

हरियाणा में नेताओं ने दी आंदोलन और तेज करने की चेतावनी, बलिदान दिवस मनाया

चंडीगढ़  —  आरक्षण और कुछ दूसरी मांगों को लेकर हरियाणा में जाट आंदोलन 22वें दिन भी जारी रहा। जाट नेता यशपाल मलिक ने कहा कि 26 फरवरी को काले दिन के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब आंदोलन को तेज किया जाएगा और धरने बढ़ाए जाएंगे। 26 फरवरी से दिल्ली को दूध की सप्लाई भी बंद कर दी जाएगी। बता दें कि फरवरी 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान 30 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से 21 जाट समुदाय से थे। रविवार को इन लोगों की याद में कम्युनिटी ने जाट बलिदान दिवस मनाया। रोहतक के जसिया में काफी लोग जमा हुए। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक भी मौजूद रहे। मलिक ने कहा कि सरकार ने जल्दबाजी में मुआवजा बांटा। यह काफी कम है। कुछ मंत्री और नेता आंदोलन तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ये कौम के गद्दार हैं। हमने सरकार के सामने कई मांगें रखी हैं। इन पर सोमवार को बातचीत का न्यौता मिला है। मलिक ने कहा कि पहली मार्च को प्रदेश के दस जिलों में धरनों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। दो मार्च को दिल्ली में प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे। होली के बाद संसद घेराव की तारीख का ऐलान कर दिया जाएगा। 26 फरवरी को काले दिन के रूप में मनाया जाएगा। इसी दिन दिल्ली की दूध की सप्लाई बंद कर दी जाएगी। उन्होंने समुदाय के लोगों से अपील की है कि वे न बिजली-पानी के बिल भरें, न दूध व फल-सब्जी आदि को मार्केट में बेचें। महेंद्रगढ़ पुलिस ने चरखी दादरी के गांव रामनगर में एक शख्स को अरेस्ट किया। इसका नाम रमेश महलावत है। उसने आत्मदाह की धमकी दी थी। उन्होंने कहा कि रविवार को देश भर में बलिदान दिवस मनाया गया और 36 बिरादरी के लोग रविवार को यहां पहुंचे हैं। उन्होंने कहा सरकार ने जल्दबाजी में मुआवजा बांटा है, जो काफी कम है। उन्होंने सरकार में बैठे मंत्रियों व समाज के नेताओं पर भी आंदोलन को तोड़ने के प्रयास का आरोप लगाया। मलिक ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करने की बजाए आंदोलन को तोड़ने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे जाट मंत्री व नेता ही इस आंदोलन को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। वे कौम के गद्दार हैं तथा आने वाले समय में कौम उन्हें माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी, धरना अनिश्चितकालीन के लिए जारी रहेगा।

कई जिलों में इंटरनेट-बस सेवाएं ठप

प्रदेश में सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। सभी नेशनल और स्टेट हाई-वे, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और नहरों पर सिक्युरिटी फोर्सेस तैनात की गई हैं। रोहतक, सोनीपत, पानीपत और जींद में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया। शराब की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है।

खाली नहीं जाएगा बलिदान

पिछले साल आरक्षण आंदोलन में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए मलिक ने कहा कि उनकी बलिदान खाली नहीं जाएगा तथा पूरा समाज सरकार को उनकी मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर देगा। आज हर घर से महिला व पुरुष यहां धरना स्थल पर श्रद्धांजलि देने के लिए आए हैं। इससे साफ है कि पूरा समाज इस लड़ाई में उनके साथ है।

ये हैं मांगें

-केंद्रीय स्तर पर देश भर के हिंदू, मुस्लिम, सिख, व विश्नोई जाटों को केंद्र की ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जाए तथा हरियाणा, सरकार द्वारा छह जातियों को दिए गए।

-आरक्षण को हरियाणा उच्च न्यायालय में उचित पैरवी कर बहाल कराकर संसद के इसी सत्र में संविधान की नौवीं सूची में डाला जाए।

-जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमों को वापिस लिया जाए।

– जेलों में बंद युवाओं को तुरंत रिहा किया जाए। आंदोलन के दौरान घायलों को मुआवजा और जो अपंग हो गए हैं उनको भी मुआवजा व पक्की सरकारी नौकरी दी जाए।

– आंदोलन के दौरान शहीदों के आश्रितों को पक्की सरकारी नौकरी दी जाए।


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