अब स्कूल तराशेंगे हाथों का हुनर!
नूरपुर — स्कूली शिक्षा में हस्तकला कौशल को शामिल करने पर हिमाचल के शिक्षकों ने भी अपने विचार रखे हैं। स्कूली शिक्षा में हस्तकला कौशल के समावेश को लेकर सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा 11 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला 28 फरवरी से 10 मार्च तक कलिंग इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंसेज पटिया, भुवनेश्वर ओडिशा में आयोजित की गई। इसमें हिमाचल प्रदेश के दस अध्यापकों ने भाग लिया। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के जिला कांगड़ा के अध्यक्ष नरेश कुमार धीमान ने बताया कि इस कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों सहित हिमाचल प्रदेश के दस अध्यापकों ने भाग लिया, जिसमें जिला कांगड़ा के तीन अध्यापक शामिल थे, जिनमें रैहन स्कूल से वह स्वयं, राजा का तालाब से अविनाश कुमार व धर्मशाला से अनिल शामिल थे। वहीं बिलासपुर से छह अध्यापकों में हेमराज तलवारा से, अतुल बरोहा से, महेंद्र ओहर से, रामजी हवाण से, सुभाष वलचराणी से, पवन मनहण से और जिला सोलन से आचार्य चमन बोहली ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला स्कूली शिक्षा में हस्तकला कौशल का समावेश को लेकर हुई। कार्यशाला में शिक्षा को रोचक व ज्ञानवर्धक बनाने के साथ स्कूलों में हस्तकला कौशल को शामिल करने के बारे में जानकारी दी गई। कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के 57 अध्यापकों ने भाग लिया।
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