आईपीएच को अब नहीं लगेगा ‘करंट’

By: Mar 11th, 2017 12:01 am

शिमला — आईपीएच विभाग को बिजली खर्च  सहित कुल 2238 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। इससे प्रदेश में नई योजनाएं भी तैयार होंगी। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ऐलान किया कि वर्ष 2017-18 में 38 नई फिल्ट्रेशन इकाइयां तथा 83 वर्तमान इकाइयों की मरम्मत के लिए 20 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। पहली बार सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के सभी संग्रहण टैंकों में ताला लगाने का प्रबंध किया गया है। इसके अतिरिक्त विभागीय परियोजनाओं में गुणवत्ता हेतु द्वि-स्तरीय अनुश्रवण प्रणाली स्थापित की जाएगी। पहला अनुश्रवण विभागीय स्तर पर होगा तथा दूसरा तृतीय पक्ष के द्वारा किया जाएगा। संबंधित स्थानीय निकाय के सदस्य तथा समुदाय के सदस्यों को इसमें शामिल किया जाएगा तथा उन्हें निरीक्षण दल का सदस्य बनाया जाएगा। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग राज्य क्षेत्र में कृषि, ग्रामीण विकास विभाग एवं किसानों की सहभागिता से परिणाम आधारित कमांद क्षेत्र विकास गतिविधियां प्रारंभ करेगा। कमांद क्षेत्र विकास कार्य के लिए 75 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित किया है, ताकि किसानों को लाभ मिल सके।

विद्युत लागत घटाने का रहेगा प्रयास

जलापूर्ति की निरंतरता को आश्वस्त करने के लिए विभाग द्वारा योजनाओं को स्वचालित किया जाएगा, जिससे जल उपयोग में दक्षता हासिल होगी। साथ ही विद्युत लागत को घटाने का प्रयास करेंगे। विभाग कुछ परियोजनाओं में सौर तकनीकी द्वारा पंपिंग को आरंभ करेगी।

जल्द पूरी होंगी अधूरी योजनाएं

अधूरी योजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करने का एलान किया गया है।  2016-17 में 166 अधूरी पेयजल आपूर्ति योजनाओं को पूर्ण करने के लिए 25 करोड़ की अतिरिक्त राशि प्रदान की है। इसके कारण 1277 बस्तियों को जल उपलब्ध हो गया है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2017-18 में लगभग 160 जल-आपूर्ति एवं 70 सिंचाई योजनाओं को क्रमशः ृ100 करोड़ तथा 60 करोड़ की लागत से पूर्ण किया जाएगा। 837 करोड़ की लागत वाली विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित परियोजना द्वारा शिमला शहर में कोल डैम से 24 घंटे जल आपूर्ति की जाएगी। वर्ष 2017-18 में  670 करोड़ की लागत वाली वित्त पोषित एक नई पेयजल योजना का शुभारंभ किया जाएगा, जिससे सभी को पेयजल उपलब्ध होगा।


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