एचपीयू के छात्रों को डिजिटल डिग्री
प्रिंटिंग के लिए निकाले टेंडर, 2014-से आगे के बैच के लिए सुविधा
शिमला — हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से अब छात्रों को डिजिटल प्रिंटिंग वाली डिग्रियां दी जाएंगी, इसके लिए प्रक्रिया तेज है। डिग्रियों की इस विशेष पिं्रटिंग के लिए योग्य कंपनी के लिए टेंडर भी विवि ने निकाला है। विश्वविद्यालय इस प्रक्रिया के तहत वर्ष 2013 से 2015 तक की सभी डिग्रियों की डिजिटल प्रिंटिंग करवाने का कार्य पूरा करेगा। डिग्रियों को डिजिटल रूप देने के प्रक्रिया एक ओर जहां विवि पूरी कर रहा है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने भी संस्थानों द्वारा दी जाने वाली कागजी डिग्रियों और प्रमाण पत्रों को बंद कर डिजिटल डिग्रियां देने के निर्देश दिए हैं। डिजिटल डिग्रियों में हाईटेक सिक्योरिटी फीचर भी होंगे। इसमें जहां हिडन आइडेंटरी फीचर होंगे, वहीं विवि की पहचान भी लेजर बीम टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी। हर एक छात्र की डिग्री पर एक विशेष बार कोड होगा, जिसे स्कैनर की मदद से आसानी से पढ़ा जा सकेगा। डिग्री पर छात्र की फोटो भी लगी होगी। ये सब शिक्षण संस्थानों में डिग्रियों के फर्जीबाड़े को रोकने के चलते दिए हैं। डिजिटल प्रिंट वाली डिग्रियां मिलने से डुप्लीकेट डिग्रियां बनाने की संभावना जहां खत्म होगी, वहीं छात्रों की डिग्रियां भी सुरक्षित रहेंगी। डिजिटल प्रिंट वाली डिग्रियां वाटरप्रूफ और न फटने वाले कागज पर तैयार होंगी। वहीं डिग्रियों में एक ऐसा कोड लगेगा, जिसमें छात्रों की पूरी जानकारी होगी।
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