एचपीयू में खेलों के लिए सुखद पहल

By: Mar 31st, 2017 12:02 am

भूपिंदर सिंह

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं

प्रदेश विश्वविद्यालय ने अब अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिताओं में शीर्ष चार स्थानों पर रहने वाली टीमों तथा खिलाडि़यों को भी नकद इनाम से सम्मानित करने का प्रावधान किया। उत्तर भारतीय खेल प्रतियोगिता से क्वालिफाई कर अखिल भारतीय अंतर विवि खेल प्रतियोगिता वाली टीमें भी सम्मानित होंगी…

पिछले सप्ताह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय खेल परिषद की बैठक में अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिताओं के पदक विजेताओं को शिमला बुलाकर सम्मानित करने के साथ-साथ खेलों से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें प्रदेश विश्वविद्यालय ने अब अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिताओं में शीर्ष चार स्थानों पर रहने वाली टीमों तथा खिलाडि़यों को भी नकद इनाम से सम्मानित करने का प्रावधान किया। साथ ही उत्तर भारतीय खेल प्रतियोगिता से क्वालिफाई कर अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिता वाली टीमों को भी सम्मानित करने की बात की है। पंजाबी विश्वविद्यालय की तरह इस बार विजेता टीमों तथा व्यक्तिगत पदक विजेताओं के प्रशिक्षकों को भी साथ में सम्मानित किया जाएगा। पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला तो प्रशिक्षकों को नकद इनाम भी देता है। इसके साथ उस महाविद्यालय के प्राचार्य तथा प्राध्यापक शारीरिक शिक्षा को उत्तम प्रबंधन के लिए भी सम्मानित करने का विचार किया गया है।

इस वर्ष प्रदेश विश्वविद्यालय के लगभग 45 खिलाड़ी टीम या व्यक्तिगत तौर पर सम्मानित हो रहे हैं। इसमें एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, महिला कबड्डी तथा हैंडबाल के खिलाड़ी प्रमुख रूप से हैं। इस बार विश्वविद्यालय ‘खेल के मैदान’ नामक शीर्षक से छपी पत्रिका में विजेता खिलाडि़यों तथा टीमों के फोटो के साथ-साथ खेल के ऊपर लेख भी प्रकाशित करेगा। मुक्केबाजी, कुश्ती, भारोत्तोलन, जूडो आदि खेलों में निर्णय संबंधित अधिकारियों को जवाबदेह बनाने की भी बात इस परिषद की बैठक में हुई है। पंजाब तथा पड़ोसी राज्य हरियाणा के खिलाडि़यों को कुछ महाविद्यालय अपने यहां प्रवेश देकर और कई बार फर्जी खिलाकर संकट खड़ा करते हैं। अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता में तो वे खिलाड़ी हिमाचल में खेलते हैं, मगर अंतर विश्वविद्यालय टीम में उनका चयन कर दें, तो वे नहीं आते हैं और वे दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों की टीमों से खेलते नजर आते हैं। सीमा से लगे महाविद्यालयों के प्राचार्यों तथा प्राध्यापक शारीरिक शिक्षा को चाहिए कि वे इस तरह के फर्जीबाड़े से बचें। इससे राज्य के खिलाड़ी विद्यार्थियों का अहित होता है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शारीरिक शिक्षा एवं अन्य गतिविधियों के निदेशक डा. सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि इस बार प्रदेश विश्वविद्यालय ने वाटर स्पोर्ट्स के लिए अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिता आयोजित करवाने का प्रस्ताव एआईयू को भेजा है। इसलिए गोबिंदसागर तथा पौंग डैम के आसपास लगते महाविद्यालयों में भी पानी की खेलों को बढ़ावा देने के लिए आह्वान किया है। पड़ोसी राज्य के विश्वविद्यालय जब हिमाचल आकर अपनी प्रतियोगिताएं करवा जाते हैं तो राज्य के महाविद्यालय गोबिंदसागर तथा पौंग डैम का लाभ क्यों नहीं उठा रहे हैं। पंजाबी विश्वविद्यालय प्रतिभा व सुविधा के अनुसार विभिन्न महाविद्यालयों में विभिन्न खेलों के लिए खेल विंग चला रहा है।

क्या प्रदेश विश्वविद्यालय राज्य सरकार से मिलकर ऐसा हिमाचल के महाविद्यालय में नहीं कर सकता है। अगर इस दिशा में कुछ कदम बढ़ाए जाएं, तो इसका दोहरा लाभ प्रदेश को मिल सकता है। एक तरफ जहां प्रदेश को अच्छे खिलाड़ी मिल पाएंगे, वहीं खेल पर्यटन में भी इससे कुछ इजाफा होगा। गोबिंदसागर झील तथा पौंग बांध के अलावा भी प्रदेश में इसके लिए कई समुचित स्थान मिल जाएंगे, बशर्ते प्रदेश इन संभावनाओं की गहनता से पड़ताल करे। इस संदर्भ को उपेक्षा का शिकार बनाकर जहां हम खेल प्रदर्शन को सुधारने में असफल रहेंगे, वहीं यह रवैया कहीं न कहीं पर्यटन संभावनाओं के साथ भी अन्याय माना जाएगा। राज्य में विभिन्न खेलों के लिए कई जगह प्रशिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं। खेलों के बेहतर भविष्य के लिहाज से यह एक सराहनीय प्रयास है। निश्चित तौर पर वहां उन प्रशिक्षकों के साथ मिलकर खेलों को बढ़ावा दिया जा सकता है। अंतर विश्वविद्यालय स्तर पर कई पदक जीतने वाले हमीरपुर महाविद्यालय की एथलेटिक्स व जूडो के लिए तत्कालीन प्राचार्य डा. ओपी शर्मा तथा प्राध्यापक डीसी शर्मा ने प्रशिक्षकों को महाविद्यालय में बुलाकर मौका दिया। इसी तरह एमएलएसएम सुंदरनगर में प्राचार्य डा. सूरज पाठक तथा डा. पदम सिंह गुलेरिया ने मुक्केबाजी में पहल की तथा आज सुंदरनगर पदक विजेता मुक्केबाजों का गढ़ है। देखते हैं डा. सुरेंद्र शर्मा किस तरह प्रदेश के महाविद्यालयों के प्राचार्यों तथा प्राध्यापक शारीरिक शिक्षा से तालमेल बिठा पाते हैं, जिससे प्रदेश विश्वविद्यालय राष्ट्रीय पर खेलों में हिमाचल का नाम रोशन करता रहे।

ई-मेल : penaltycorner007@rediffmail.com


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