गंगा-यमुना में है जान

By: Mar 21st, 2017 12:10 am

NEWSनैनीताल— नैनीताल हाई कोर्ट ने गंगा और यमुना नदी को जीवित मानते हुए हुए केंद्र सरकार को इन्हें इनसानों की तरह अधिकार देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही गंगा नदी से निकलने वाली नहरों आदि संपत्ति का बंटवारा आठ सप्ताह में करने के आदेश पारित किए हैं। अदालत ने पवित्र गंगा नदी को देश की जीवित इकाई के रूप में पहचान दी है। गंगा-युमना को मानव मानते हुए इसके प्रतिनिधि के तौर पर तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की है। कोर्ट ने केंद्र से जल्द गंगा प्रबंधन बोर्ड बनाने के आदेश भी दिए हैं। सोमवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी मो. सलीम की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने डीएम देहरादून को 72 घंटे के भीतर शक्ति नहर ढकरानी को अतिक्रमण मुक्त करने के सख्त निर्देश दिए हैं। याचिका में कहा गया था कि दोनों राज्य गंगा से जुड़ी नहरों की परिसंपत्ति का बंटवारा नहीं कर रहे हैं। कोर्ट के समक्ष केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारी पेश हुए और उन्होंने गंगा संरक्षण को उठाए कदमों की जानकारी दी, मगर कोर्ट सरकारों के रुख से बेहद खफा था। बता दें कि कुछ दिन पहले ही न्यूजीलैंड ने उत्तरी द्वीप में बहने वाली वांगानुई नदी को एक जीवित संस्था के रूप में मान्यता देने वाला बिल पारित किया है। इसके बाद इस नदी को जीवित इकाई के रूप में मान्यता प्राप्त हो गई है और उसे इनसानों के समान अधिकार मिल गए हैं।


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