धन केवल साधन

By: Mar 21st, 2017 12:05 am

(प्रेम चंद माहिल, भोरंज, हमीरपुर)

सुखमय जीवन के लिए धन का होना अति आवश्यक है। इसलिए धन प्राप्ति हेतु लोग जीवन पर्यंत प्रयत्न करते रहते हैं। इसी क्रम में कई लोगों के जीवन का उद्देश्य ही धन कमाना हो जाता है।  इसके बाद वे भले ही बहुत सा धन कमा लेते हैं, लेकिन उनका जीवन कई किस्म के दुखों से भर जाता है। कहना न होगा कि भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, घोटाले आदि इसी सोच का परिणाम हैं। धनी व्यक्ति अधिक से अधिक धन अर्जित करने के लिए रात-दिन प्रयत्नशील है। सोचिए सिर्फ दो वक्त की रोटी का ही तो प्रश्न है, फिर इतने धन की क्या आवश्यकता, जो कष्टमय बने? धनी व्यक्ति तब अधिक धन अर्जित करने में सफल होता है, जब वह दूसरों का शोषण करता है। बड़े-बड़े घोटाले करता है। नित्यप्रति समाचार पत्रों में प्रकाशित होता है कि अमुक कर्मचारी या अधिकारी रिश्वत लेते पकड़ा गया। उच्च पद पर आसीन बड़े-बड़े घोटालों में संलिप्त कुछ बच जाते हैं, तो कइयों को जेल की चक्की पीसनी पड़ती है। हिमाचल प्रदेश में रिश्वतखोरी के कई मामले हाल ही में प्रकाश में आए हैं। इसका मुख्य कारण भी तो अधिक धन अर्जित करने की लालसा रहा होगा। मोहम्मद गजनवी के दिमाग में भी अत्यधिक धनी बनने की इच्छा थी, तभी उसने मंदिरों को लूट कर सोना-चांदी अर्जित किया। आखिर खाली हाथ ही संसार छोड़ना पड़ा। अतः सुखमय जीवन चाहते हैं, तो सदैव याद रखें कि धन जीवन का साधन है, साध्य नहीं। इसी सोच से सुखमय जीवन मिलेगा और स्वच्छ समाज का निर्माण होगा।

 

 


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