बाकी मुद्दे ठप सिर्फ ठेकों की फिक्र

By: Mar 23rd, 2017 12:01 am

( सुरेश कुमार, योल )

जनता की सरकार सुने न सुने, पर शराब के ठेकेदारों की सरकार खूब सुन रही है। पहले यह समाचार आया कि सरकार कोर्ट में अपील कर रही है कि एनएच से 500 मीटर की दूरी पर खुले ठेके न हटाए जाएं। फिर समाचार अया कि पहली अप्रैल से शराब की बोतलों पर एमआरपी नहीं लिखा जाएगा और ठेके वाले अपनी मनमर्जी के दाम पर शराब बेच सकेंगे। यह सब क्या है? क्या सरकार को बस शराब कारोबारियों को ही बचाने का काम रह गया है। क्या राजस्व इतना जरूरी हो गया कि प्रदेश को शराब में ही डुबो दिया जाए। ऐसा करके सरकार अपना तो भला कर लेगी, राजस्व जुट जाएगा, लेकिन युवा पीढ़ी का क्या होगा। सरकार ने यह नहीं सोचा। जो असल मुद्दे हैं, उनकी तरफ सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है। छात्र सड़कों पर, शिक्षक-डाक्टर हड़ताल पर, किसान परेशान क्यों हैं, इस बारे में सोचने के लिए सरकार अपनी ऊर्जा क्यों नहीं लगा रही। सरकार का इतना बड़ा तामझाम है और व्यवस्थाएं यह कि हमारे प्रदेश के अफसर पर्यटकों से कहते हैं कि अभी प्रदेश में न आएं बर्फबारी से मुश्किल होगी। यानी हम पूर्व निर्धारित आपदा से पार पाने के बजाय पर्यटकों को रोक देते हैं। हिमाचल यूनिवर्सिटी अपना बजट घाटा पूरा करने के लिए दस प्रतिशत फीस बढ़ाने की तैयारी कर लेती है। सरकार अगर इन मुद्दों पर ध्यान दे, तो प्रदेश के लिए ज्यादा बेहतर होगा, वरना इस प्रदेश का न भाजपा और न ही कांग्रेस, बस रब ही राखा है।

 


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