मोरनी में 465 पौधों की पहचान
हर्बल फोरेस्ट के निर्माण को पंतजलि ने शुरू की चयन प्रक्रिया
चंडीगढ़ — हरियाणा सरकार के मोरनी हिल्ज में विकसित किए जाने वाले विश्व हर्बल फोरेस्ट के पहले चरण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है और पतंजलि की ओर से आचार्य बालकृष्ण व उनकी 40 सदस्यीय टीम द्वारा अब तक 465 विभिन्न किस्मों के पौधों की प्रजातियों की पहचान की गई है तथा 1000 विभिन्न किस्मों की जड़ी-बूटियों की पहचान विशेषज्ञों की टीम द्वारा किया जा रहा है। इस मौके पर आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि मोरनी क्षेत्र में विकसित किए जाने वाले हर्बल फोरेस्ट के विकसित होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर सृजित होंगे। मोरनी क्षेत्र में अदरक, हरड़, हल्दी का काफी उत्पादन होता है और उनके संस्थान का प्रयास रहेगा कि उनके उत्पादन को उचित मूल्य पर खरीदा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मोरनी क्षेत्र में देशी किस्म की गाय भी पाई जाती है और किसान गौ मूत्र से अरक निकाल के इकठ्ठा कर सकते हैं तथा बाजार में मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस नई परियोजना के लिए पतंजलि मोरनी क्षेत्र में कोई जमीन लीज पर नहीं ली जा रही, बल्कि स्थानीय किसानों से ही खेती करवाई जाएगी और इसको औषधीय पौधों की नर्सरी के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि मोरनी क्षेत्र विश्व में आकर्षण का केंद्र बनेगा तथा विश्व में पता लगेगा कि औषधीय पौधे सिर्फ मोरनी क्षेत्र में ही मिलते हैं।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App