बंजार —  उपमंडल बंजार के बलागाड़ व चनौन पंचायत के ऐतिहासिक व देव स्थली बलागाड़ व गोशाल गांव व उपमंडल के अन्य गांवों में होली पर्व के शुभ अवसर पर फाग पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। रविवार को इस पर्व का निवर्हन करने के लिए उपमंडल के लोगों ने इस पावन पर्व की

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय के व्यक्तित्व में साहित्य और पत्रकारिता का मणिकांचन संयोग देखने को मिलता है। अज्ञेय को प्रतिभा सम्पन्न कवि, कथा-साहित्य को एक महत्त्वपूर्ण मोड़ देने वाले कथाकार, ललित-निबंधकार, संपादक और सफल अध्यापक के रूप में जाना जाता है। इनका जन्म 7 मार्च, 1911 को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के कुशीनगर नामक

शिमला  – राजधानी शिमला में सोमवार को होली का त्योहार मनाया जाएगा। त्योहार से पहले रविवार को इस पर्व को लेकर राजधानी शिमला के बाजारों की रौनक देखते ही बनी। ऐसे में राजधानी के बाजार भी होली के रंग में रंगे नजर आए।  दुकानों के बाहर स्टाल लगाकर लाल, हरे, नीले, पीले गुलाल ढेरियों में

अजय पराशर अतिथि संपादक शब्द को ब्रह्म मानने वाली भारतीय परंपरा अभिव्यक्ति के माध्यमों को लेकर भी बहुत सजग रही है। इस परंपरा में शब्दों का अपव्यय एक अक्षम्य अपराध था और असामयिक उपयोग एक हिंसा। इतनी सजग विरासत का वारिस होने के बावजूद आधुनिक संदर्भों में हम इसका उपयोग नहीं कर सके। साहित्य और

चिंतपूर्णी —  सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल मां छिन्न मस्तिका धाम चिंतपूर्णी में रविवार को 20 हजार से अधिक भक्तों ने माता रानी के दरबार में हाजिरी भरी है। मंदिर प्रशासन ने भीड़ को देखते मंदिर के कपाट सुबह चार बजे खोल दिए। श्रद्धालुओं की लाइन शाम तक ज्यों की त्यों रही। हालांकि श्रद्धालुओं को मंदिर तक

रामपुर बुशहर – जिला स्तरीय फाग मेले में रविवार को स्टालों का आंबटन किया गया। इस बार नगर परिषद को स्टॉल के आंबटन से करीब दो लाख की कमाई हुई। इस बार परिषद ने स्टाल के दामों में दस फीसदी की बढ़ोतरी की है। वहीं मेले में आने वाले देवी-देवताओं की नजराना राशि को भी

कुल्लू – मनाली की हसीन वादियों पर फिदा बालीवुड पार्श्व गायिका श्रेया घोषाल ने पहली बार घर से बाहर अपने पिता व पति के साथ 14 मील स्थित स्पेन रिजार्ट में जन्मदिन  मनाया। शूटिंग यूनिट के लोग भी श्रेया के जन्मदिन में शामिल हुए। पहली म्यूजिकल एलबम की शूटिंग के चलते श्रेया अपने जन्मदिन पर

चंडीगढ़ – हरियाणा सरकार ने होली पर पंचायतों व गांवों का तोहफा दिया है। अब पंचायतों को जहां अधिक धनराशि खर्च करने का अधिकार मिलेगा, वहीं हर गांव के विकास पर सालाना एक से दो करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इतना ही नहीं प्रदेश के 600 गांवों में तो विकास पर नए वित्तीय वर्ष में