चार घंटे तक रोकी गाडि़यों की रफ्तार

By: Apr 28th, 2017 12:07 am

पीएम की रैली को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने सील किया रिज

NEWSNEWSशिमला  – प्र्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिमला दौरे को लेकर प्रशासन के कड़े इंतजामों से आम लोगों को भी काफी असुविधा हुई। रिज मैदान को पूरी तरह सील किया गया था, हालात यह थी कि एंबुलेंस को भी यहां से गुजरने के लिए कोई जगह नहीं रखी गई थी, वहीं प्रधानमंत्री के काफिले के रूट पर कुछ समय के लिए यातायात भी बंद कर दिया गया।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को लेकर सुरक्षा  के कड़े इंतजामों ने आम लोगों को असुविधा में डाल दिया। रैली स्थल रिज पर वाहनों की आवाजाही करीब चार घंटे तक बिलकुल बंद रही, हालांकि यहां रास्ता रखा गया था, लेकिन इसमें भी लोगों का जमघट लगा था और यहां पर तिल धरने की जगह भी नहीं बची थी। इससे लोग यहां से नहीं गुजर सके। ऐसे में लोगों को कई किलोमीटर घूम-घूमकर जाना पड़ा, वहीं हालात यह रही कि एंबुलेंस गुजरने के लिए भी यहां जगह नहीं रखी गई थी। ऐसे में आईजीएमसी जाने वाली एंबुलेंस को भी दूसरा रास्ता लेना पड़ा। प्रशासन ने प्रधानमंत्री के काफिले के गुजरने वाले रास्तों पर भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। प्रधानमंत्री अनाडेल से एजीचौक पहुंचे। यहां पर उनका काफिला आने से पहले यातायात रोक दिया गया और प्रधानमंत्री के वापस जाने पर भी यातायात को काफी समय के लिए रोका गया। कार्ट रोड पर भी प्रधानमंत्री के काफिले के लिए कुछ समय तक यातायात रोका गया। प्रधानमंत्री के काफिले का मार्ग रामचंद्रा चौक से लेकर रिज रखा गया था। इस मार्ग  को पूरी तरह से सील किया गया था। ऐसे में पीसी चैंबर की ओर जाने वालों को भी यूएस क्लब से होकर आना पड़ा। रैली के बाद रिज से भी प्रधानमंत्री राजभवन गए और बाद में वहां से शिल्ली चौक से होते हुए कार्ट रोड से कनैडी चौक होते हुए अन्नाडेल उनका काफिला गया।  इस दौरान कार्ट रोड पर भी करीब आधा घंटा यातायात रोका गया।  प्रशासन ने प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर नया ट्रैफिक प्लान लागू किया था। इसके तहत रैली के लिए आने वाले वाहनों को शहर के भीतर प्रवेश करने की इजाजत नहीं  थी। संजौली में वन वे ट्रैफिक किया गया था। इसके तहत ढली से संजौली चौक और वहां से बाइपास होते हुए ढली के लिए वन वे सड़क की गई थी। ऊपरी शिमला से आने वाले वाहनों को संजौली बाइपास पर पार्क करवाया गया, वहीं सिरमौर, सोलन की ओर से  आने वाले बड़े वाहनों के लिए टूटीकंडी बाइपास पर और बिलासपुर-हमीरपुर-कांगड़ा-मंडी-कुल्लू-लाहुल से आने वाली गाडि़यों की समरहिल रोड पर पार्किंग की व्यवस्था की गई थी।

पीएम की रैली ने भी पूरी नहीं की उम्मीदें

किसान सभा बोली, किसानों-बागबानों के लिए नहीं की कोई घोषणा

शिमला   – हिमाचल किसान सभा का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुमलों के बाद इस बार काव्यात्मक अंदाज में हिमाचल की जनता को भरमाने की कोशिश की। प्रदेश भर से ढेर सारी उम्मीदें लेकर शिमला के गांधी मैदान में जुटी जनता खाली हाथ वापस लौटी। कुछ इसी तरह का नजारा मंडी की रैली में भी देखने को मिला था। उस समय भी भाजपा ने बड़े-बड़े सपने दिखाकर भीड़ जुटाने की कोशिश की थी और जब वहां प्रधानमंत्री ने कोई बड़ी घोषणा नहीं की, तो भाजपा ने यह कहना शुरू कर दिया था कि शिमला रैली में कोई बड़ी घोषणा की जाएगी। यहां दूसरी बार प्रदेश की जनता की भावनाओं का मजाक उड़ाया गया। हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि यह दूसरा मौका है, जब भाजपा ने प्रदेश की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी हिमाचल आए थे और उन्होंने बड़े जोर से कहा था कि किसानों को फल, सब्जी, ऊन, शहद का समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। उन्होंने सरकार बनने के बाद डा. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का वादा भी किया था और कहा था कि किसानों को उनकी फसल के लागत मूल्य में 50 प्रतिशत जोड़कर लाभकारी मूल्य दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मंडी रैली के बाद इस बार फिर से यह जुमला उछाला था कि मोदी इस बार तो पक्का सेब के आयात शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा करके बागबानों को राहत देंग,लेकिन भाजपा का यह वादा भी मोदी ने धराशायी कर दिया। प्रदेश अध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि रैली में आए लोगों को उम्मीद थी की कम से कम भाजपा नेताओं ने पौने दो लाख किसानों द्वारा भूमि नियमितीकरण के लिए किए गए आवेदनों के बारे में जरूर जिक्र किया होगा और प्रधानमंत्री वन संरक्षण कानून में संशोधन कर किसानों की भूमि को नियमित करने का फैसला सुनाएंगे, लेकिन यह उम्मीद भी पूरी नहीं हुई। न ही पीएम ने बंदरों के निर्यात खोलने पर कोई बात की और न ही बंदरों सहित अन्य उत्पाती जानवरों को पूरे प्रदेश में वर्मिन घोषित करने के बारे में कुछ कहा। डा. तंवर ने कहा कि कौशल विकास का ढोल पीटने वाली भाजपा और स्वयं मोदी ने प्रदेश के दस लाख बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए भी किसी तरह का केंद्रीय पैकेज देने की बात नहीं की, जबकि पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं है,जिसमें नौजवान रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।


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