तीन हजार श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

By: Apr 14th, 2017 12:00 am

शिरगुल महाराज मंदिर के कपाट खोले

हरिपुरधार  —  मंकर सक्रांति के पावन अवसर पर गुरुवार को चूड़धार स्थित शिरगुल महाराज मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं। कपाट खुलने के बाद पवित्र चूड़धार धाम यात्रा आरंभ हो गई है। भारी बर्फबारी के अंदेशे को देखते हुए 30 नवंबर के बाद प्रशासन व चूड़ेश्वर सेवा समिति की ओर से चूड़धार यात्रा पर 13 अप्रैल तक रोक लगाई गई थी। मंदिर के कपाट खुलने से श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। हलांकि चूड़धार में रह रहे स्वामी कमलानंद गिरि ने श्रद्धालुओं को नौहराधार के रास्ते चूड़धार न आने की सलाह दी है। स्वामी ने बताया कि इस रास्ते पर कई स्थानों पर अभी भी भारी बर्फ जमी हुई है। उन्होंने श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि वह सराहां व हरिपुरधार के रास्ते से ही चूड़धार आएं। मंदिर के कपाट खुलने के बाद चूड़धार जाने वाले यात्रियों के लिए खाने-पीने व ठहरने की व्यवस्था चूड़ेश्वर सेवा समिति की ओर से की जाती है। मकर सक्रांति के पावन अवसर पर हरिपुरधार के प्रसिद्ध मां भंगायणी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ समेत उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से आए सात हजार से अधिक श्रद्धालुआें ने माता के दरबार में शीश नवाया। लोगों में माता के प्रति गहरी आस्था इस कद्र देखने को मिली कि भारी बर्फबारी के कारण क्षेत्र की अधिकतर सड़कें बंद होने के बावजूद व ठंड  की परवाह किए बिना पांवटा, नाहन व कुपवी आदि क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालु पैदल चलकर मंदिर पहुंचे। गिरिपार क्षेत्र के विभिन्न गांव से सैकड़ों की संख्या में आए श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए। बिजाई माता के बढ़ोल, कुचियाट माता के पंजाह, शिरगुल महाराज के नैनीधार, महासू देवता के द्राबिल व नौहराधार के गेलियों आदि मंदिरों में भी दिन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा है।

मंदिर में विशेष व्यवस्था

मकर सक्रांति पर मां भंगायणी मंदिर में हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पिछले दिनों भारी बर्फबारी के कारण पाइप लाइनें जाम होने के कारण मंदिर में पीने के पानी की भारी समस्या पैदा हो गई थी। मकर सक्रांति पर उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के अंदेशे को देखते हुए मंदिर सेवा समिति ने पीने के पानी के पूरे इंतजाम किए थे। मंदिर सेवा समिति प्रबंधक मोहर सिंह राणा ने बताया कि मंदिर में श्रद्धालुओं के ठहरने व खाने-पीने की भी पूरी व्यवस्था की गई है।

100 श्रद्धालुओं का जत्था चूड़धार रवाना

नौहराधार-प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चूड़धार के लिए श्रद्धालु मौसम खुलते ही जाने लगे हैं। समुद्र तल से लगभग 11900 फूट की ऊंचाई पर स्थित चूड़धार में पर्वत पर बर्फ के बीच खड़ी शिवजी की प्रतिमा तक पहुंचकर श्रद्धालुओं ने शिव की पूजा-अर्चना की। करीब 100 से ज्यादा भक्त बाहरी राज्यों व हिमाचल के कोने-कोने से आए श्रद्धालु बुधवार को चूड़धार रवाना हुए। शिवलिंग से उतरने के बाद श्रद्धालुओं ने तलहटी में बने शिरगुल मंदिर में अराध्य देवता शिरगुल महाराज की पूजा-अर्चना की। प्रशासन की ओर से 15 अप्रैल तक यात्रों पर रोक लगाए जाने के बावजूद भी भारी तादाद से श्रद्धालु चूड़धार पहुंच रहे हैं। यात्रा पर रोक होने के कारण प्रशासन की ओर से चूड़धार में यात्रियों के लिए कोई भी इंतजाम नहीं है, परंतु स्वामी कमलानंद आश्रम में रह रहे स्वामी जी ही यात्रियों के ठहरने व खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं। चूड़ेश्वर सेवा समिति के नौहराधार जोन के अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह ने बताया कि दूरदराज व बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को चूड़धार के बारे में कोई जानकारी नहीं होती, जिसके कारण यात्रा रास्ता भटक जाते हैं। इन्होंने यात्रियों से आग्रह किया है कि खराब मौसम में यात्री यात्रा न करें।


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