फिजूलखर्च से बचने को दिन में शादी
शादियों में शान-शौकत दिखाने के लिए लोग जमकर पैसा खर्च करते हैं। यहां तक कि इस फिजूलखर्ची के लिए उधार लेने से भी नहीं चूकते, वहीं गाजियाबाद जिला का गांव अटौर हम सबके लिए मिसाल है। यहां के लोग इस फिजूलखर्च से बचने के लिए दिन में ही शादी की सारी रस्में पूरी करते हैं। गांव में यह परंपरा 20 वर्षों से कायम है। गांव वाले रात के समय होने वाली शादियों में सजावट आदि को फिजूलखर्ची मानते हैं। इसलिए सबने तय कर रखा है कि रात के समय लाइट, जेनरेटर आदि पर कोई पैसा खर्च नहीं करेंगे। यहां की शादियों में सुबह दस बजे के करीब बारात आती है और शाम होते-होते दुल्हन विदा हो जाती है। इस परंपरा से इस गांव के लोग अब तक लाखों रुपए की बचत कर चुके हैं। गांव के बुजुर्ग वेदपाल ने बताया कि 20 साल पहले तक अटौर में भी रात में शादियां होती थीं, लेकिन गांव में बिजली न होने के चलते जेनरेटर का खर्च काफी होता था। साथ ही इसके धुएं और तेज आवाज से भी लोगों को मुश्किल होती थी। तब निर्णय लिया गया कि अब गांव में हर शादी दिन में ही होगी।
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