हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

By: Apr 12th, 2017 12:01 am

आईजीएमसी-टांडा में एमडी, एमएस कोर्स में प्रवेश का मामला

शिमला —  आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कालेज में एमडी/एमएस स्नातकोत्तर कोर्स में दाखिला लेने के लिए एमसीआई के रेगुलेशन के अनुसार दूरदराज और कठिन क्षेत्र का चयन करने बारे राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाई कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के रेगुलेशन के अनुसार जो डाक्टर एमबीबीएस करने के बाद स्वास्थ्य विभाग में दूरदराज और कठिन क्षेत्र में सेवाएं देने को प्रोत्साहन करने के लिए अधिकतम तीन वर्ष की सेवाएं देने के लिए 30 प्रतिशत अंक देने संबंधी नियम बनाया था, जिसके तहत राज्य सरकार ने इन क्षेत्रों बारे अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना के अनुसार राज्य सरकार ने ऐसे क्षेत्रों को सूची में शामिल कर दिया, जो कि नगर पंचायत में आते हैं, जैसे कि ठियोग, रोहडू, चौपाल, मतियाना। प्रार्थियों की और से अदालत के समक्ष दलील दी गई कि जिस उद्देश्य को लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने रेगुलेशन  बनाया है, राज्य सरकार की अधिसूचना इसके अनुरूप नहीं है। अदालत को बताया गया कि इस सूची में ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा जिलों के किसी भी क्षेत्र को शामिल नहीं किया गया है और यह अधिसूचना मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के रेगुलेशन के अनुसार उद्देश्य के अनुरूप नहीं है। अदालत को बताया गया कि विभाग की अधिसूचना को यदि सही माना जाए तो कैडर के कुल 13 फीसदी डाक्टरों को इसका लाभ मिल पाएगा, जो कि सही नहीं है। राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के रेगुलेशन के मुताबिक राज्य सरकार की उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा इन क्षेत्रों को सूची में शामिल किया गया है। न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायाधीश संदीप शर्मा  की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है।


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