हिमाचल पुलिस ‘पैदल’
कैग का खुलासा, बिना गाडि़यों के वक्त पर नहीं पहुंच पाती खाकी
शिमला — देश और दुनिया में जहां पुलिस आधुनिक वाहनों व उपकरणों से लैस हो रही है वहीं हिमाचल पुलिस वाहनों के लिए तरस रही है। ऐसे में पुलिस समय पर क्राइम स्पॉट पर नहीं पहुंच पाती। ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट के मापदंडों के अनुसार एक पुलिस थाना में दो हल्के वाहन व तीन बाइकें होना जरूरी है। वहीं पुलिस चौकियों में कम से कम दो बाइकें होना जरूरी है, लेकिन हिमाचल के पुलिस थानों और चौकियों में इन मापदंडों के अनुरूप वाहन नहीं हैं। मौजूदा समय में राज्य के पुलिस थानों में एक-एक हल्के वाहन तैनात किए गए हैं। वहीं इनमें एक से दो बाइकें दी गई हैं। चौकियों में एक-एक बाइक पुलिस वालों को थमाई गई है। इसी तरह चौकियों में मात्र एक-एक बाइक दी गई हैं। खराब मौसम में बाइक चलाना संभव नहीं है। इससे खासकर ग्रामीण इलाकों में पुलिस को दिक्कतें आ रही हैं, जहां पर बसों की सुविधा भी पर्याप्त नहीं है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में थानों और चौकियों में वाहनों की कमी का जिक्र किया है। कैग ने जिन 13 पुलिस थानों का आडिट किया, उनमें पाया कि इन थानों के पास एक-एक हल्के वाहन हैं। वहीं इनमें से आठ पुलिस स्टेशन में दो बाइकें, जबकि पांच पुलिस थानों में एक-एक बाइक दी गई है। यह भी पाया गया है कि थानों के लिए खरीदे वाहनों का दूसरी जगह इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिस विभाग को 2011-13 तक कुल 54 वाहन मिले थे, जिनमें से 37 वाहन थानों की बजाय दूसरी जगह इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इनमें राज्य पुलिस मुख्यालय में 8 वाहन, जिला मुख्यालयों में 12 वाहन, बटालियनों में तीन वाहन और अन्य जगहों पर 14 वाहन हैं।
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