गुमशुदा दलित का पता लगाने को प्रस्ताव पारित

By: Apr 15th, 2017 12:05 am

शिमला  —  बल्देयां पंचायत के मोहनपुर निवासी मेद राम जो एक अप्रैल 2016 से लापता है की जांच में सरकार एवं पुलिस प्रशासन द्वारा बरती जा रही ढील के चलते 20 अप्रैल को बल्देयां में एक व्यापक विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। शुक्रवार को शिमला में आयोजित अंबेडकर जयंती के अवसर पर हिमाचल किसान सभा के जिलाध्यक्ष सत्यवान पुंडीर द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव का राज्याध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर ने अनुमोदन किया और कसुम्पटी क्षेत्र की 15 पंचायतों से आए 120 से अधिक सदस्यों ने समर्थन किया। इस प्रस्ताव का समर्थन दलित शोषण मुक्ति सभा, सीआईटीयू, अखिल भारती जनवादी महिला समिति ने भी किया तथा इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने का आश्वासन दिया। सत्यावान पुंडीर ने कहा कि मेदराम एक गरीब दलित परिवार से स बंध रखते हैं। पिछले कुछ वर्षों से प्रॉपर्टी डीलर का काम करते थे। मेद राम की छवि पूरे इलाके में एक शरीफ, ईमानदार व मिलनसार इंसान के रूप में है। उन्होंने कहा कि किसान सभा ने 20 मई 2016 को परिजनों एवं स्थानीय लोगों के प्रतिनिधिमण्डल के माध्यम से पहला ज्ञापन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शिमला को सौंपा था। उसके बाद किसान सभा ने पुलिस अधीक्षक तथा अतिरिक्त महानिदेशक को भी इस बारे अवगत करवाया। परिजन व गांववासी इस स बंध में कसु पटी के विधायक से भी मिले तथा उनसे भी गुहार लगाई। इसके बाद 15 अक्तूबर 2016 को पुलिस महा निरीक्षक (दक्षिण क्षेत्र) से किसान सभा के राज्याध्यक्ष और और बल्देयां जिला परिषद् सदस्या के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल मिला था, जिसमें तीन जांच अधिकारियों का एक विशेष जांच दल गठित करके परिजनों को आश्वस्त किया गया था। उसके बाद 5 अप्रैल, 2017 को बागवानी मंत्री विद्या स्टोक्स व मुख्य सचिव वीसी फारका को भी ज्ञापन दिया गया। उन्होंने खेद जताया कि आश्वासनों के बावजूद एक साल पूरा होने के उपरान्त भी सरकार से लेकर पुलिस प्रशासन तक गुमशुदा का पता नहीं लगा पाई और पुलिस तंत्र परिजनों को इस सवाल का जवाब देने में नाकाम रहा कि आखिर मेद राम कहां गए।  अभी तक समस्त परिजनों एवं समाज के समक्ष यह एक अनसुलझी पहेली बन गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा साधारण पूछताछ के अलावा कोई भी कार्रवाई अभी तक अमल में नहीं लायी गई है तथा यथास्थिति बनी हुई है। सभी परिजन इस बात से बेहद दुखी और आश्चर्यचकित हैं कि एक छोटे से कस्बे से अचानक मेद राम कहां और कैसे गुम हो गए। किसान सभा सहित परिजन शुरू दिन से मांग कर रहे हैं कि मेदराम की फोन कॉल्ज की गहनता से जांच की जाए और संकेत एकत्र करके ठोस कार्रवाई की जाए।


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