अब डिजिटल लूट

By: May 26th, 2017 12:01 am

( मनोज  राणा, नाहन )

प्रदेश में आए दिन लोगों के खातों से मोबाइल पर शातिर एटीएम का पिन जानकर चूना लगा रहे हैं। कल के ही एक समाचार के अनुसार महज आधार कार्ड का नंबर जानकर ही किसी ने 49 हजार रुपए किसी के खाते से निकाल लिए। ऐसे लोग फोन पर खुद को बैंक अधिकारी बता कर या लॉटरी का झांसा देकर  हिमाचल के भोले-भाले लोगों को लूट रहे हैं। प्रशासन और बैंक वाले भी कितनी ही बार लोगों को आगाह कर चुके हैं कि किसी को भी अपनी बैंक संबंधी डिटेल न बताएं, लेकिन फिर भी लोग समझ नहीं पा रहे हैं और ठगे जाते हैं। लॉटरी के लालच में आकर अपने बैंक व अपनी पूरी जानकारी बता देते हैं और चंद सेकंडों में ही उसके खाते से पैसे साफ हो जाते हैं। ये घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैँ। डिजिटल लेन-देन के बेशक लाभ है, लेकिन इस बारे में आधी-अधूरी जानकारी नुकसान भी पहुंचा सकती है। इसी कारण लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। वित्तीय मामलों में तो वैसे भी सावधानी बरतनी जरूरी है। सरकार को चाहिए कि डिजिटल लेन-देन को यदि प्रोत्साहन देना है, तो समय-समय पर इस तरह के अभियान चलाए कि जिससे, जो लोग डिजिटल लेन-देन के बारे में नहीं जानते, वे इस बारे जान सके और इस तरह की लूट से बच सकें। आज इंटरनेट हमारे लिए जहां वरदान सिद्ध हुआ है वहीं घातक भी है। आधी-अधूरी जानकारी भी नुकसानदायक ही होती है।

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