एक बेटा गंवाया, दूसरा लड़ रहा जिंदगी के लिए लड़ाई

By: May 16th, 2017 12:01 am

नेरवा — मालतधार (शिवधार) गांव के राजेश मांगटा के घर में मातम का माहौल है। उसकी पत्नी बबली देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। अज्ञात बुखार से उसके जिगर के टुकड़े अतुल की मृत्यु हो चुकी है, जबकि दूसरा चार साल का बेटा मयूर कुपवी में एक बंगाली डाक्टर के क्लीनिक में जिंदगी व मौत की लड़ाई लड़ रहा है। बच्चे की देखभाल उसके दादा सही राम व दादी किरपी देवी कर रही हैं। इनकी तीन वर्ष की बेटी शिवानी मां बबली देवी से लिपटी रहती है। मां उसे एक क्षण के लिए भी अपनी गोदी से उतारने का साहस नहीं कर पा रही। कच्चे मकान में रहने वाला यह परिवार इतना गरीब है कि कुपवी में जिंदगी व मौत की लड़ाई लड़ रहे अपने बेटे मयूर को वह इलाज के लिए किसी बड़े अस्पताल में नहीं ले जा सकते।

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